नई दिल्ली
दिन्जी एनसीआर को स्मॉक की चादर हर ओर बिखरी हुई है। गैस चेंबर ( Gas Chamber and Air Pollution) बनी दिल्ली सांस संबंधी परेशानी के साथ ही आंखों को भी प्रभावित कर रही है। रोजमर्रा के काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले आंखों में चुभन, पानी आना और जलन की शिकायत लेकर चिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के कारण आंखों को होने वाली परेशानी को नजअंदाज नहीं करना चाहिए, जिससे कार्निया संक्रमण तक हो सकता है। इसके साथ ही स्टेरॉयड आईड्राप्स के सेवन से भी बचना चाहिए।
नोएडा सेक्टर 20 स्थित दिवीक्षा आई क्लीनिक की डॉ चारू त्यागी ने बताया कि बीते दो हफ्ते में आंखों की परेशानी के मरीज बढ़ गए हैं, एअर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने का असर आंखों पर भी पड़ रहा है। आंखो में ड्राइनेस से खुजली बढ़ना और फिर बार बार आंखों पर हाथ लगाने और आंखों को रगड़ने से आंखों का संक्रमण बढ़ रहा है। इसके साथ ही ओपीडी में हमारे पास ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिनको आंखों से पानी बहने और चुभन की शिकायत लगातार बनी हुई है, काम के सिलसिले से घर से बाहर निकलने वाले लोगों को यह दिक्कत ज्यादा हो रही है। लगातार ऐसी स्थिति बने रहे से संक्रमण की स्थिति गंभीर हो जाती है। डॉ चारू कहती हैं कि आंखों की यदि ऐसी कोई भी तकलीफ हो विशेष कर प्रदूषण के समय तो आंखों को नियमित रूप से साफ पानी से धोते रहना चाहिए, चिकित्सक की सलाह के बिना भूलकर भी स्टेरॉयड आईड्राप्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसर प्रदूषण की वजह आंखों में ड्राइनेस या सूखापन बढ़ जाता है, ड्राइनेस का असर उस समय और भी बढ़ जाता है जबकि लंबे समय तक कंप्यूटर या फिर मोबाइल स्क्रीन पर काम करना पड़ता है, इससे परेशानी ट्रिगर हो जाती है। संत नगर में आंखों का क्लीनिक चलाने वाली डॉ अदिती कहती हैं कि आंखों के ड्राइनेस को दूर करने के लिए अच्छी क्वालिटी का ल्यूब्रिकेटिंग आई ड्राप प्रयोग करना चाहिए, जबकि स्टेरॉयड प्रयोग न करें, संभव हो तो सीधे प्रदूषण की जद में आने से बचे। अगर प्रदूषण की वजह से विजन या भी द्श्यता भी धुंधली हो गई है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। मालूम हो कि कल शाम अकेले नोएडा में एअर क्वालिटी इंडेक्स 421 तक पहुंच गया। वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने गैप फोर के नियम लागू कर दिए हैं।