विशेषज्ञों की राय स्वास्थ्य क्षेत्र पर GDP बढ़ाया जाए

नई दिल्ली,

नवगठित 19वीं लोकसभा का बजट मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में पेश किया जाएगा। लंबे समय से स्वास्थय क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ देश में बेहतर स्वास्थय सेवा के लिए कुल जीडीपी में स्वास्थ सेवा खर्च को 2.5 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं। एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तैयार करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचे और उन्नत शोध कार्यो के लिए यह जरूरी है वर्तमान जीडीप में स्वास्थ्य सेवा खर्च को बढ़ाया जाए। वर्ष 2020 में कुल जीडीपी का मात्र 1.35 प्रतिशत स्वास्थय सेवाओं पर खर्च किया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बजट से बहुत उम्मीदें है, इसमें अच्छे इलाज तक आम लोगों की पहुंच, गुणवत्ता में वृद्धि और शोध सहित कई बेहतर चीजों के लिए स्वास्थ्य सेवा खर्च को बढ़ाया जाना चाहिए। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डॉ गिरधर ज्ञानी ने कहा कि उभरते स्वास्थय खतरों से निपटने और स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के लिए सरकारी खर्च बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान देना चाहिए, स्वस्थय भारत के निर्माण के लिए इन सभी विषयों को व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए और प्रमुखता दी जानी चाहिए। सबको बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए यह जरूरी है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को राज्यों के ऑटोनॉमस या स्वायत्त बनाया जाना चाहिए इसके साथ ही सभी एमईसीसी-2011 के लाभार्थियों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का पुर्नगठन किया जाना चाहिए। अपोलो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा 5000 अबर डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत स्वास्थय सेवा हमारी रणनीति के केंद्र में होना चाहिए। उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और निदेशक प्रबल घोषाल ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा खर्च को जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का आग्रह किया। आईएमए के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन काफी कम है। इसके अलावा पेयजल, स्वच्छता जैसे स्वास्थ्य निर्धारकों पर किए जाने वाले खर्च को अलग से देना चाहिए। आईएमए ने बजट से पहले अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है। फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ और प्रबंध निदेशक आशुतोष रघुवंशी ने जीडीपी के मुकाबले खर्च को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने बात कही।

 

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