जैतून का तेल मधुमेह को रखे दूर

jaitunजैतून के तेल का सेवन टाइप-2 मधुमेह को दूर रखने में मदद करता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि अच्छी वसा या स्वस्थ वसा युक्त भोजन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। भूमध्यसागर क्षेत्र में पाये जाने वाले खाद्य पदार्थ अच्छी या स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं। इनमें जैतून, मछली, अंडे और मेवे की गिरी शामिल है।

‘क्रोनिक डिसीज आउटकम्स रिसर्च’ के अनुसार भूमध्यसागरीय भोजन से शरीर में अतिरिक्त सूजन नहीं होती है। जिससे मधुमेह, दिल की बीमारियों और स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। शोधकर्ताओं ने भूमध्यसागरीय भोजन पर पूर्व में हुए 332 अध्ययनों और 56 शोध पत्रों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि जैतून का तेल इन बीमारियों के इलाज में सबसे अधिक कारगर है।

शोध के दौरान सात अलग अलग खाद्यों का सेवन करने वालों की जीवनशैली पर नजर रखी गई। इसमें शोधार्थियों ने पाया कि मछली, जैतून, अंडे और दुग्ध पदार्थों का अधिक सेवन करने वालों की मृत्यु दर कम थी। साथ ही इनमें टाइप-2 मधुमेह, स्तन कैंसर और हृदयरोग जैसी बीमारियों की संभावना भी कम पाई गई। यह शोध जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ।
इन खाद्यों पर किया अध्ययन
शोध में सात तरह के स्वस्थ से लेकर अस्वस्थ वसायुक्त खाद्यों को शामिल किया गया। इनमें फल और सब्जियां, पत्तेदार और हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, दालें और अनाज जैसे खाद्यों का अधिक सेवन और रेड वाइन व दुग्ध पदार्थों का सामान्य सेवन शामिल था। इसके अतिरिक्त मछली और मांस के सेवन को भी जगह दी गई। इसमें मछली और दुग्ध पदार्थों का सेवन करने वालों में मधुमेह का खतरा कम दिखा।

इनसे बढ़ती है कैलोरी
मधुमेह रोगियों को वसायुक्त खानपान से परहेज की सलाह दी जाती है। कई बार इस परहेज के मद्देनजर शरीर में अतिरिक्त चीनी पहुंचती है। इनमे खाने में शामिल साबूत अनाज और चीनी से जरूरत से अधिक कैलोरी मिलती है। इस कारण परहेज के बाद भी उनके शरीर में चीनी की मात्रा बढ़ती है। जबकि स्वस्थ वसा का सेवन जहां मधुमेह को कम करता है, लोग परहेज के चलते इसका सेवन नहीं करते हैं।

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