
- मुंह में छाले और गला सूखना भी सर्विकल कैंसर के लक्षण
- पेंडू या पेट के नीचले हिस्से में लगातार दर्द भी गर्भाश्य के कैंसर के लक्षण
नई दिल्ली
महिलाओं में सबसे अधिक पाए जाने वाले सर्विकल या गर्भाश्य के मुख के कैंसर से बचाव संभव है। इनके लक्षणों और प्रारंभिक जांच को लेकर महिलाएं अधिक जागरूक नहीं है। दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा 11 मार्च यानि राष्ट्रीय महिला कैंसर जागरूकता दिवस पर इससे संबंधी जरूरी जानकारी साक्षा कीं। लगातार मुंह का सूख्नना, सहवास के दौरान रक्त स्त्राव, स्तर में गांठ, बाहरों के निचले गिठली का बनना या फिर पेंडू और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द गर्भाश्य के कैंसर के प्रमुख लक्ष्ण हो सकते हैं। 18 वर्ष से पहले सेक्सुअली एक्टिव (Sexually active youngsters) किशोरियों में इसके होने की संभावना अधिक रहती हैं, इसके साथ ही एक अधिक पुरूषों से संबंध बनाने पर भी गर्भाश्य के मुख के कैंसर की प्रमुख वजह माना गया है।
11 मार्च को हर साल महिलाओं में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए राष्ट्रीय महिला कैंसर जागरूकता के रूप में मनाया जाता है। महिलाओ में स्वास्थय को लेकर लापरवाही की वजह से बीते कुछ सालों में स्तन कैंसर (Breast Cancer) और सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer) जैसे मामले बढ़ रहे हैं, प्रारंभिक जांच से स्तन कैंसर से बचाव संभव है, वहीं सर्विकल कैंसर बचाव के लिए सही समय पर एचपीवी वैक्सिनेशन कराया जा सकता है। दिल्ली स्टेट कैंसर (Delhi State Cancer Institute) इंस्टीट्यूट के ऑनकोलॉजिस्ट (Oncologist) डॉ मनोज शर्मा कहते हैं कि कुछ लक्षणों से महिलाएं इसकी पहचान कर सकती हैं, जैसे कि सहवास के समय असहनीय दर्द होना, पेशाब या मल करने में दिक्कत होना, योनि से पानी या बदबूदार पानी का स्त्राव, मासिक धर्म के बाद भी रक्त स्त्राव का होना आदि इसके साथ ही शरीर के किसी अंग पर तिल का रंग बदलना या फिर साइज छोटा या बड़ा होना भी सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer) की प्रारंभिक अवस्था हो सकती है।
कई महिलाओं में गले का सूखना, मुंह में छाले, पेंडू या फिर पेट के निचले हिस्से में दर्द बने रहना भी सर्विकल कैंसर के लक्षण में शामिल है। समय पूर्व जांच के साथ ही सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले किशोरियों और महिलाओं को एचपीवी या ह्यूमन पैपीलोमा वैक्सीनेशन (Human Papilloma Vaccination) करा लेना चाहिए। डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि आस्ट्रेलिया में महिलाओं को सर्विकल कैंसर से बचाने के लिए पुरूषों का भी सफलतापूर्वक एचपीवी (Human Papilloma Vaccination) वैक्सिनेशन किया गया।
बचाव के लिए कुछ प्रमुख जांच
- गर्भाश्य के मुख्य की जांच- कोलस्पकोपी (Colpscopy)
- योनि स्त्राव का परीक्षण- पैप्सस्मीयर (Papsmear)
- सीए125 और एचईए जांच- अंडेदानी जुड़ी परेशानी की जांच के लिए
- स्तन कैंसर के लिए- मैमोग्राफी
- पेंडू दर्द के लिए- लोवर अब्डोमन या पेट के निचले हिस्से का अल्ट्रासाउड
- सेक्सुअली एक्टिव (Sexually Active) महिलाओं को नियमित रूप से वायरल इंस्पेक्शन विद ऑटिक एसिड वीआइए जांच करानी चाहिए।
क्या हैं रिस्क फैक्टर
- एक अधिक पुरूषों के साथ संबंध बनाना
- 18 वर्ष या इससे कम आयु में सेक्सुअली एक्टिव (Sexually Active) होना
- धुम्रपान या तंबाकू का सेवन नियमित रूप से करना
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या कमजोर इम्यूनिटी
- बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करते रहना
- यौन रोग या फिर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड (Sexually Transmitted diseases) डिसीस का इतिहास का होना
- कई बार या गर्भधारण (Pregnancy)करना