New Delhi
कोलकाता रेप और मर्डर मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को स्वत: संज्ञान में लेने और टॉस्क फोर्स गठित करने के बाद अब एक बार फिर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु छात्रा के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में मेडिकल संगठन से तुरंत हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। फेडरेशन ने यह भी कहा कि मामले पर माननीय न्यायलय ने स्वत: संज्ञान लिया जिसकी हम सराहना करते हैं, फाइमा ने कोर्ट द्वारा गठित टॉस्क फोर्स में रेजिटेंड डॉक्टर्स को भी शामिल करने की बात की है। इस दुखद घटना के बाद से देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और देश में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा गंभीर विषय बन गया है।
फाइमा ने अपनी याचिका में मेडिकल कर्मियों विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए तत्काल सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए कहा है। संवेदनशील अस्पताल क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 का अनुपालन सुनिशिचत करने के साथ ही आपात स्थिति में तुरंत सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की बात कही है। फेडरेशन का यह भी कहना है कि कार्ट द्वारा गठित टॉस्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टरों का भी प्रतिनिधित्व सुरक्षित होना चाहिए। आईएमए के साथ हुई मंत्रणा के बाद फेडरेशन ने आधिकारिक सूचना जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय टॉस्क फोर्स की सिफारिशों के प्रवर्तन के लिए एक निर्धारित समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए, कोर्ट ने दो हफ्ते बाद अपनी रिपोर्ट जारी करने के बाद 22 अगस्त को अगली सुनवाई को कहा है। इस बीच फाइमा ने निर्धारित समय में डॉक्टरों को सम्मानजनक वातावरण में काम करने की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए भी कहा। इससे पहले फेडरेशन ने हड़ताल जारी रखने के लिए कहा और उम्मीद जताई कि माननीय न्यालयलय के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर्स को सुरक्षा का पूरा विश्वास है।