अब शव का चार घंटे के भीतर पोस्टमार्टम करना होगा

Now the post-mortem of the dead body will have to be done within four hours
Now the post-mortem of the dead body will have to be done within four hours

-डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने जारी किया आदेश
संवेदनशील मामले में डॉक्टर व अधिकारी बरतें सावधानी

लखनऊ, 26 जून
पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिवारों को बहुत इंतजार नहीं करना होगा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दुखी की घड़ी में परिवारीजनों की पीड़ा कम करने के लिए पोस्टमार्टम को अधिकतम चार घंटे के भीतर करने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पोस्टमार्टम की नई गाइड लाइन जारी कर दी है।

प्रदेश भर के पोस्टमार्टम हाउस में नई व्यवस्था लागू होगी। अब शव का पोस्टमार्टम अधिकतम चार घंटे के भीतर होगा। जिन जिलों में अधिक संख्या में पोस्टमार्टम हो रहे हैं। वहां सीएमओ दो या इससे अधिक डॉक्टरों की टीमें बनाकर इस संवेदनशील कार्य को संपन्न कराएं। ताकि परिवारीजनों को शव के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े।

सूर्यास्त के बाद पर्याप्त रोशनी में हो पोस्टमार्टम
सूर्यास्त के बाद नियमानुसार पोस्टमार्टम कराया जाए। जल्द से जल्द शव के साथ पेपर पोस्टमार्टम हाउस भेजा जाए। रात में पोस्टमार्टम की दशा में 1000 वॉट लाइट की कृतिम व्यवस्था की जाए। दूसरे जरूरी संसाधन पर्याप्त हों। ताकि 24 घंटे पोस्टमार्टम की कार्रवाई चलती रहे।

रात में पोस्टमार्टम, जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति जरूरी
हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव व संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु संबंधी प्रकरणों में रात में पोस्टमार्टम न कराएं जाएं। हालांकि अपरिहार्य कारणों में जिला मजिस्ट्रेट व उनके अधिकृत अधिकारी की अनुमति पर रात में भी पोस्टमार्टम कराया जा सकता है।

वीडियोग्राफी का पैसा परिवार से न लें
कानून व्यवस्था से जुड़े प्रकरण, एनकाउंटर, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, विवाह के प्रथम 10 वर्षों में हुई महिला की मृत्यु आदि में रात में होने वाले पोस्टमार्ट की वीडियोग्राफी कराई जाए। शासनादेश के मुताबिक पैनल के तहत होने वाले पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी अवश्य कराई जाए। इसका पैसा पीड़ित परिवारीजनों से किसी भी दशा में लिया जाए। वीडियोग्राफी का भुगतान रोगी कल्याण समिति व अन्य मदों से किया जाए।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ऑनलाइन की जाए
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ऑनलाइन की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। पोस्टमार्टम हाउस में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर व दो डाटा इंट्री ऑपरेटर सीएमओ द्वारा तैनात किए जाएं। शव को अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम किया जाए। सीएमओ प्रत्येक जिले में दो शव वाहन की व्यवस्था करें।

पैनल में महिला डॉक्टर शामिल की जाएं
महिला अपराध, रेप, विवाह के प्रथम 10 वर्षों के भीतर महिला की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम पैनल में महिला डॉक्टर अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। अज्ञात शव की पहचान के लिए डीएन सैम्पलिंग कराई जाए।

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