- एसजीपीजीआई वेलफेयर एसोसिएशन ने निदेशक को सौंपा ज्ञापन, कहा— समान सेवा पर समान अवसर जरूरी
लखनऊ, 28 जून 2025
एसजीपीजीआई की गवर्निंग बॉडी द्वारा हाल ही में टेलीमेडिसिन विभाग के संविदा कर्मियों को स्थायी भर्तियों में प्रत्येक वर्ष की सेवा पर 5 प्रतिशत तथा अधिकतम 30 प्रतिशत तक वेटेज (वरीयता) दिए जाने के निर्णय के बाद अन्य विभागों के संविदा कर्मचारियों में भी समान अवसर की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसी क्रम में एसजीपीजीआई ऑल एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने निदेशक को ज्ञापन सौंपकर सभी संविदा कर्मचारियों को समान रूप से स्थायी भर्तियों में वेटेज दिए जाने की मांग की है।
वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेश कुमार और महामंत्री सीमा शुक्ला द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में कहा गया है कि गवर्निंग बॉडी का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन इसे सिर्फ एक विभाग तक सीमित रखना अन्यायपूर्ण और पक्षपातपूर्ण है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि संस्थान में कार्यरत अन्य संविदा कर्मचारी— जैसे नर्सिंग, पैरामेडिकल, लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजी, मेडिकल रिकॉर्ड और मेडिकल सोशल वर्क विभागों के कर्मचारी— भी वर्षों से समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें भी स्थायी नियुक्तियों में समान वरीयता मिलनी चाहिए।
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया कि टेलीमेडिसिन विभाग में संविदा नियुक्तियां जिन शर्तों पर हुई हैं, उसी आधार पर अन्य विभागों में भी नियुक्तियां हुई हैं, इसलिए नीति और अवसर में समानता अनिवार्य है।
एसोसिएशन ने मांग की कि सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी भर्तियों में प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए 5 प्रतिशत और अधिकतम 30 प्रतिशत तक वेटेज/प्रिफरेंस देने का प्रावधान किया जाए, ताकि सभी कर्मचारियों के साथ न्याय हो सके। एसोसिएशन ने निदेशक से इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
कैंसर मरीजों को मिलेगा बड़ा फायदा, टेलीमेडिसिन (टेली–मेडिसिन) सेवा से जुड़ेगा पूरा प्रदेश
कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी (सुपर स्पेशलिटी) कैंसर संस्थान में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान (के एस एस एस सी आई – ) लखनऊ में शुक्रवार को एक राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश में कैंसर इलाज के लिए टेलीमेडिसिन (टेली-मेडिसिन) नेटवर्क को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।
संस्थान के निदेशक प्रो. एम.एल.बी. भट्ट ने बताया कि “हब एंड स्पोक” (हब एंड स्पोक) मॉडल के तहत कल्याण सिंह कैंसर संस्थान एक हब के रूप में कार्य करेगा और मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से जोड़ेगा। इससे मरीजों को दूर यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह नजदीकी केंद्रों पर ही मिल सकेगी।
एनसीडी की नोडल अधिकारी डॉ. अल्का शर्मा ने बताया कि राज्य में कैंसर के इलाज के लिए 38 डे-केयर (डे-केयर) सेंटर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 11 में पायलट (पायलट) प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है।
केजीएमयू (के जी एम यू) की टेलीमेडिसिन नोडल अधिकारी डॉ. शीतल वर्मा ने सुझाव दिया कि इस सेवा को ई-संजीवनी (ई-संजीवनी) पोर्टल से जोड़ा जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीज लाभ उठा सकें। संस्था के टेलीमेडिसिन नोडल अधिकारी डॉ. आयुष लोहिया ने बताया कि प्रदेश में कैंसर इलाज के लिए एकीकृत टेलीमेडिसिन नेटवर्क तैयार किया जाएगा और इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस ओ पी ) भी बनाई जाएगी।
इस बैठक में प्रदेश के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के डॉक्टरों ने भाग लिया और इसे डिजिटल स्वास्थ्य सेवा की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया।