4 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है कैंसर डे, कब हुई थी इसकी शुरुआत?

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नई दिल्ली

‘कैंसर एक शब्द जो हर किसी के दिल में डर पैदा करता है। दुनिया भर में लाखों लोग इस जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं। वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके इलाज के लिए दिन-रात शोध कर रहे हैं। ऐसे में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

दरअसल, कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसका प्राथमिक लक्ष्य कैंसर के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। विश्व कैंसर दिवस का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा किया जाता है। साल 2000 में पहली बार कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 4 फरवरी 2000 को ‘वर्ल्ड समिट अगेंस्ट कैंसर’ का आयोजन किया गया था। इसके बाद ही हर साल चार फरवरी को कैंसर दिवस मनाने की प्रथा शुरू हुई। वर्ल्ड कैंसर दिवस को मनाने का उद्देश्य है आम लोगों को इस बीमारी के बारे में अवगत कराना है। इसके जरिए लोगों को यह बताना है कि कैंसर क्यों होता है और इसके फैलने के पीछे क्या कारण हैं। साथ ही कैंसर के बारे में फैल रही भ्रामक जानकारी से भी अवगत कराना है।

हर साल विश्व कैंसर दिवस की एक खास थीम होती है। इस साल की थीम ‘यूनाइटेड बाय यूनीक’ है। इसका उद्देश्य यह बताना है कि कैंसर लाइलाज नहीं बल्कि जीती जा सकने वाली एक लड़ाई है, जिसमें लोगों का साथ भी जरूरी है। भारत की बात करें तो नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में देश में कैंसर के 14,96,972 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, साल 2040 तक देश में कैंसर के केस बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।

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