एक चिप लौटाएगी आंखों की रोशनी

नई दिल्ली। आंखों की रोशनी वापस पाने के लिए नेत्रदान का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। एक इंच की चिप अब आंखों की रोशनी वापस लाएगी, इस चिप का प्रयोग अमेरिकन ऑप्थैमेलॉजी रिसर्च सेंटर ने किया है। 11 सदस्यीय डॉक्टरों की शोध टीम में भारतीय डॉकटर भी शामिल हैं, जिनके सहयोग से अगले एक साल तक चिप का इस्तेमाल भारत में भी संभव हो सकेगा।

दिल्ली ऑप्थैमेलॉजिकल सोसाइटी के डॉ. अमित खोसला ने बताया कि 37 मरीजों पर चार साल तक किए गए शोध में चिप के प्रयोग को सफल बताया गया है। मेडिकल काउंसिल से मान्यता मिलने के बाद चिप का प्रयोग का पहला चरण पूरा कर लिया गया है। शोध की 11 सदस्यीय टीम में शामिल भारतीय डॉकटर ने इसके देश में प्रयोग करने की एनओसी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से हासिल की है।

सोसाइटी के डॉ. पीवी चढ्ढा ने बताया कि चिप की सहायता से रेटिना खराब या क्षतिग्रस्त होने से गई आंखों की रोशनी को वापस लाया जा सकता है। जिसमें शुरूआत में मरीज को 4 से 5 प्रतिशत दृष्टि साफ होगी, जबकि दो से तीन महीने में स्पष्ट दिखने के परिणाम सामने आए हैं। देश में इसे कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत लाने का प्रयास किया जा रहा है। मालूम हो कि अंधापन दूर करने के लिए देश में कार्निया प्रत्यारोपण किया जाता है, जिससे आंखों की रोशनी दान की गए कार्निया के जरिए वापस ली जाती है।

कैसे काम करेगी चिप
आंखों की नसों में साधारण एनेस्थिसिया देकर इंजेक्शन के माध्यम से दो इंच की चिप को रेटिना के पीछे प्रत्यारोपित किया जाएगा। यह चिप आंखों में प्रवेश करने वाले प्रकाश को विद्युतीय तरंग (इम्पल्स) में बदल देता है, ये विद्युत तरंगे आंखों के पीछे के ऑप्टिक नर्व को यह संदेश भेजती हैं। ऑप्टिक नर्व मस्तिष्क को संदेश भेजती हैं, जिसके बाद व्यक्ति के मस्तिष्क में चीजों का विजन बनने लगता है।

भारत में कितनी जरूरत
राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम 2009 के अनुसार देश में एक करोड़ 40 लाख नेत्रहीन हैं। जिनके अंधेपन को दूर करने के लिए नेत्रदान जैसे महादान को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। लेकिन वर्ष 2008 तक कुल आंखों की जरूरत के अनुसार केवल दो प्रतिशत ही नेत्रदान हुआ। अंधता के 80 प्रतिशत मामले ग्रामीण क्षेत्र के हैं।

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