हड्डियों के कमजोर होने की एक वजह ट्यूमर भी हो सकती है। ऐसे ही एक मामले में चिकित्सकों ने व्हील चेयर पर अस्प्ताल पहुंचे मरीज का सफल इलाज किया। दरअसल शरीर में बढ़ रहे एक अलग तरह के ट्यूमर की वजह से मरीज की हड्डियों भुरभुरी हो रही थीं। बताया जा रहा है ऐसी बीमारी के अब तक चिकित्सा जगह में केवल 150 मामले ही सामने आए हैं।
रोहिणी स्थित वेंकेटेश्वर अस्पताल में मरीज का सफल किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 41 वर्षीय मरीज को इंडयूस्ड ओस्टेमेलेशिया ट्यूमर की शिकायत थी। दुर्लभ ट्यूमर की वजह से उसकी हड्डियां बेहद कमजोर हो गई थी। बोन डेंसिटी कम होने और हड्डियां भुरभुरी होने के कारण वह अकसर फ्रैक्चर का शिकार हो जाता था। अस्पताल के इंडोक्रायनोलॉजिस्ट डॉ. दीप दत्ता ने बताया कि हड्डियों की इस तरह की बीमारी का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है, शुरूआत में मरीज ने कई हड्डी रोग विशेषज्ञों को दिखाया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। पीईटी स्कैन जांच में इंड्यूस्ड ऑस्टेमेलेशिया बीमारी का पता चला, इस बीमारी में मरीज में कुछ जैविक विसंगतियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिसके कारण हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल हड्डी का ट्यूमर फास्फेट के अवशोषण को रोक देता है, जिसके कारण हड्डियां हल्के से झटके कारण टूट जाती हैं। इलाज के दौरान मरीज को फॉस्फेट की हाई डोज देनी शुरू की गई, जिससे मरीज के पैरों में मजबूती आ गई, इसके बाद सर्जरी कर मरीज का ट्यूमर निकाला गया। चार से छह महीने के अंदर वह अपने पैरों में खड़ा हो सका। मालूम हो कि बीमारी के अब तक विश्वभर में 150 मामले ही सामने आए हैं।