नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हर साल 55,000-57,000 क्षयरोग (टीबी) से पीड़ित नए मरीज सरकारी अस्पतालों में आते हैं और यह आंकड़ा देशभर में रोजाना तीन करोड़ से ज्यादा है। लोकनायक अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसएजी) और राज्य के टीबी अधिकारी डॉ. अश्विनी खन्ना ने ये आंकड़े बताते हुए कहा कि ये आंकड़े तो सिर्फ सरकारी अस्पताल पहुंचने वाले मरीज के हैं मगर देश में अनेक ऐसे मरीज हैं जो छोटे-निजी अस्पताल तक ही पहुंच पाते हैं या अस्पताल नहीं भी पहुंच पाते हैं।
डॉ खन्ना ने बुधवार को यहां वर्ल्ड विजन नामक सामाजिक संस्था की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के इतर आईएएनएस से बातचीत में कहा, ‘‘भारत सरकार की ओर से ‘नेशनल स्ट्रेटजी प्लान 2017-2025’ के तहत देशभर में टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर टीबी उन्मूलन के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन हासिल करना कठिन नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘टीबी लाइलाज रोग नहीं है। बस लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, जोकि सरकारी तंत्र के साथ मिलकर सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि आज टीबी के इलाज के लिए कई आधुनिक तरीके व दवाइयां आ गई हैं, जिनसे कम समय में आसानी से इलाज हो पाता है।
डॉ. खन्ना ने कहा, ‘‘सबसे जरूरी है कि मरीज अस्पताल पहुंचे और उसका परीक्षण जल्द हो और उचित दवाई दी जाए।’’ उन्होंने बताया कि टीबी से बचने के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका दिया जाता है, लेकिन वयस्कों के लिए अब तक कोई टीका नहीं आया है। खन्ना ने कहा, ‘‘टीबी के टीके पर अभी शोध व परीक्षण कार्य चल रहा है, उम्मीद है कि जल्द टीके भी आ जाएंगे, जिससे इसे काबू करना आसान हो जाएगा।’’
वर्ल्ड विजन के माध्यम से देशभर में टीबी उन्मूलन के प्रति लोगों को जागरूक करने व उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने में जुटी डॉ. अनिता विक्टर ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन करने के लक्ष्य को हासिल करने के प्रति आशान्वित हैं और अपने एनजीओ के कार्यकर्ताओं व सहयोगियों के साथ इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।