नई दिल्ली,
कोरोना मरीजों की एलाइजा जांच अब स्वदेशी कोविड कवच एलाइजा से की जाएगी। आईसीएमआर और एनआईवी पुणे ने मिलकर यह किट तैयार की है। आईजीजी एलाइजा की नई स्वदेशी किट एसएआरएस (सिवियर एक्यूट रेस्पेरेटरी सिंड्रोम- कोविड 19) आईसीएमआर का दावा है कि नई स्वदेशी कोविड कवच से संक्रमण की संवेदनशीलता को 98 प्रतिशत और विशेषता को 100 प्रतिशत पता लगाया जा सकता है। आईसीएमआर ने तकनीक को जायडस कैडिला को हस्तांतरित किया है।
स्वदेशी एलाइजा कोविड कवच से एक से डेढ़ घंटे में एक साथ 90 सैंपल की जांच की जा सकती है। बेहद आसान इस जांच को जिला स्तर पर भी कोविड जांच के लिए प्रयोग किया जा सकता है। रियल टाइम पीसीआर की अपेक्षा आईजीजी एलाइजा से कोविड जांच करना सुगम, सरल और कम खर्चीला है क्योंकि एलाइजा में असक्रिय वायरस की जांच की जाती है। अन्य किसी भी रैपिड जांच की अपेक्षा आईजीजी एलाइजा से जांच के परिणाम अधिक सटीक पाए गए हैं। किट को किसी तरह की बायोसेफ्टी की भी जरूरत नहीं होती है। आरटीपीसीआर और रैपिड जांच को कोरोना की एंटीबॉडी क्लीनिकल जांच के लिए प्रयोग किया जाता है, इससे मॉस या समूह स्तर पर लोगों के बीच संक्रमण का खतरा है या नहीं इस बात का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। आईसीएमआर एनआईवी पुणे की लैब में तैयार कोविड कवच के निर्माण के लिए कई कंपनियों से संपर्क किया गया, जिसमें केवल जायडस कैडिला और सिपला ने आईसीएमआर के प्रस्ताव को स्वीकार कर एलाइजा किट बनाने की सहमति दी है। जायडस कैडिला इसे कोविड कवच एलाइजा के नाम से बाजार में लांच करेगी। जिसके लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है आईसीएमआर अन्य कंपनियों के आगे आने का भी इंतजार कर रही है जिससे अधिक संख्य में सुलभ कोविड कवच एलाइजा की जांच की जा सके। पहले बैच में एलाइजा किट की विशेषता और संवेदनशीलता को देखते हुए आईसीएमआर राष्ट्रीय सर्विलांस के तहत 24000 मरीजों पर इसके परिणाम का अध्ययन करेगी।