गाजियाबाद,
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ के सहयोग से प्रमुख राष्टीय और राज्य मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों के साथ आज इंटेन्सीफाइड मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 2.0 पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। आईएमआई दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक लान्च किया जा रहा है।
इस कार्यशाला में आईएमआई 2.0 पर और मीडिया के साथ भागीदारी के महत्व पर, खासतौर पर टीकाकरण में कम प्रदर्शन करने वाले इलाकों में और 27 राज्यों के 272 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में और उत्तर प्रदेश व बिहार के 109 जिलों के 670 प्रखंडों की संवेदनशील आबादी के बीच कवेरज को बढ़ावा देने के लिए फोकस किया गया। आईएमआई 2.0 इंटेन्सीफाइड मिशन इंद्रधनुष का दूसरा चरण है, जिसकी शुरूआत भारत के प्रधानमंत्री ने अक्तूबर 2017 में की थी और इसका मकसद भारत में 2020 तक टीकाकरण कवरेज को 90 प्रतिशत तक ले जाना है।
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त कमिश्नर (टीकाकरण) डा.एस.के सिकदर ने कार्यशाला में कहा, ह्यवेक्सिन में जिंदगियों को बचाने और रोगों को काबू में रखने की ताकत होने के स्पष्ट साक्ष्यों के बावजूद बहुत से बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाता है, ऐसे में उन्हें व उनके समुदायों को बीमारियां होने का खतरा रहता है और इसके साथ ही जानलेवा प्रकोपों का भी। ऐसी दुनिया में जहां किफायती व जीवनरक्षक वेक्सिन हैं, यह अस्वीकार्य है। 90 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में मीडिया एक महत्वपूर्ण भागीदार है और मीडिया यह कार्य टीकाकरण पर महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करके और अभिभावकों को अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करके और वेक्सिन संबंधी मिथकों व गलतफहमियों का विरोध करके कर सकता है।
आईएमआई 2.0 बेहतर लघु स्तरीय योजना, गहन निगरानी, समुदायों को संगठित करने और टीकाकरण प्रणाली को मजबूत करने पर फोकस करेगा। टीकाकरण के लिए दो साल से कम आयु वाले बच्चों व गर्भवती महिलाओं की पहचान करने के वास्ते सूची पर नजर रखेगा व ऐसी सूचियों का नवीनीकरण करेगा। प्रत्येक बच्चे व गर्भवती मां को टीका लगाने के लिए आंदोलन शुरू करने के वास्ते सामाजिक अवरोधों और समुदायों में ज्ञान के फासलों से निपटने के लिए गैर-स्वास्थ्य इकाईयों की मदद मांगी जा रही है।
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले पत्रकारों को भारत में टीकाकरण की ताजा स्थिति से अवगत कराया, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिसा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से आए पत्रकारों ने शिरकत की।
पत्रकारों को आईएमआई के दिशानिर्देशों, टीकाकरण को रिपोर्ट करते वक्त उसकी संवेदनशीलता, उत्तम रिर्पोटिंग प्रथाओं और सोशल मीडिया के युग में जहां फर्जी खबरें व गलत सूचनाएं बहुत तेजी से फैलती है, ऐसे में तथ्यों की जांच के बारे में बताया गया।
मिशन इंद्रधनुष की गहनता ने पूर्ण टीकाकरण कवरेज की रफ्तार को बढ़ाया है, तथापि मौजूदा असमानाताओं और असमताओं ने 90 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य पाने की दिशा में देश की प्रगति के स्कोप को सीमित कर दिया है।
मीडिया कार्यशाला स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा भागीदारों को एक साथ लाने का प्रयास है, इस प्रयास के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने में मदद करना है, खास तौर पर उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में ताकि हर बच्चे को रोकथाम वाले रोगों से संरक्षण दिया जा सके।