नई दिल्ली,
बीस दिन के नवजात के मस्तिष्क की सफल ओपेन सर्जरी कर चिकित्सकों ने नया कीर्तिमान हासिल किया है। बच्चे का वजन मात्र एक किलो 160 ग्राम था। जन्म से ही दिमाग में खून के थक्के जमा होने के कारण नवजात को दौरे पड़ रहे थे। बेहद कम उम्र और वजन कम होने की वजह से चिकित्सकों के लिए यह सर्जरी काफी चुनौती पूर्ण थी। अस्पताल ने इस प्रतिमान को लिम्का बुक्स ऑफ रिकाड्र्स में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है। बच्चे की यदि सही समय पर सर्जरी नहीं की जाती तो उसकी जान को खतरा हो सकता था।
फरीदाबाद स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ ब्रेन एंड स्पाइन सर्जन डॉ. पंकज डॉवर ने बताया कि नवजात का वजन बेहद कम था। इसके साथ ही उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। जन्म के बाद उसे पांच दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया और जन्म के 19वें दिन उसे पहला दौरा पड़ा। एमआरआई जांच में पता चला कि मस्तिष्क के अंदर इंट्राकार्नियल रक्त के थक्के हैं, जो शायद जन्म से ही थे। दिमाग की ओपेन सर्जरी कर रक्त के थक्कों को हटाया गया।
जटिल थी दिमाग की सर्जरी
नवजात की सर्जरी (मिनी कै्रनियोटॉमी) करने के लिए मस्तिष्क को खोजा गया और हेमटोमा या थक्कों को सफलतापूर्वक हटा दिया गया। चिकित्सकों का दावा है कि सबसे कम वजन और उम्र की वह भारत की पहली बच्ची है। बच्ची के दिमाग की सर्जरी करना इसलिए भी जटिल था क्योंकि यदि सर्जरी में थोड़ी भी लापरवाही हो जाती तो बच्ची को आजीवन मस्तिष्क संबंधी परेशानी हो जाती।