नई दिल्ली,
डेंगू से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने की पहल पर सनोफी पाश्चर को सफलता मिली है। पन्द्रह देश के चालीस हजार लोगों पर किए गए परीक्षण के बाद तैयार की गई डेंगू की डेंगवैक्सिया वैक्सीन को यूएस एफडीए ने मंजूरी दे दी है। कंपनी के आवेदन पर एफडीए ने बायोलॉजिस्क्स लाइसेंस जारी किया है। संभव है कि मंजूरी मिलने के बाद यूरोपियन कमिशन डेंगवैक्सिया के व्यवसायिक अधिकार भी दे दें।
भारत सहित लगभग सभी देशों में हर साल डेंगू का डंक देखा जाता है। यूएस टैरिटरी सहित प्यूरिटो, यूएस वर्जिन आइसलैंड और रिको में वर्ष 2012-13 में डेंगू के 12000 केस देखे गए, डेंगू के प्रकोप का हर सेहत के नजरिए से ही नहीं आर्थिक नजरिए से भी काफी नुकसान देह रहा। रिको देश में डेंगू के इलाज के लिए 160 मिलियन डॉलर इलाज पर खर्च किए गए। डेंगू के ग्लोबल बर्डन को कम करने के लिए सनोफी ने डेंगू वैक्सीन पर परीक्षण शुरू किया। सनोफी पॉश्चर के नार्थ अमेरिका के मेडिकल हेड डॉ. डेविड ने बताया कि रिको सहित छह साल तक पन्द्रह देश के चालीस हजार मरीजों पर डेंगवैक्सिया का परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान देखा गया कि जिसको दोबारा डेंगू हुआ, उस पहले पहले सिरोटाइप की अपेक्षा दूसरे सिरोटाइप का असर अधिक गंभीर रहा, दूसरी बार हुए डेंगू के गंभीर असर और दोबारा संक्रमण के साथ ही सिरोटाइप को एंटी इम्यून कर डेंगू के लिए वैक्सीन बनाने पर विचार किया गया। एफडीए की मंजूरी मिलने के बाद यूरोपियन कमिशन सनोफी पॉश्चर को वैक्सीन के व्यवसायिक प्रयोग का लाइसेंस दे सकता है।