नई दिल्ली,
आईसीएमआर और एसआईआई (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) के साक्षा प्रयास के जरिए कोरोना की कोविडशील्ड वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। वैक्सीन के लिए देशभर के पन्द्रह केन्द्रों पर 1600 लोगों का पंजीकरण किया गया है। तीसरे चरण के मॉस परीक्षण के बाद ही किसी भी वैक्सीन के व्यवसायीकरण का काम शुरू किया जाता है। इसके साथ ही आईसीएमआर और एसआईआई कोरोना की यूएस की कोवावैक्स वैक्सीन के लिए भी साथ काम कर रहे हैं। जिसे नोवावैक्स कंपनी द्वारा तैयार किया जाएगा।
कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन के लिए आईसीएमआर द्वारा वैक्सीन बनाने के क्लीनिकल ट्रायल के खर्च का वहन किया गया है जबकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन के शोध संबंधी वित्त का जिम्मा लिया है। देश के 15 प्रमुख केन्द्र वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का काम शुरू कर दिया गया है। 31 अक्टूबर 2020 तक कोविशील्ड के लिए देशभर में 1600 लोगों का पंजीकरण भी किया जा चुका है। कोरोना वैक्सीन के लिए काम करने वाले ऑक्सफार्ड विश्वविद्यालय के प्रारंभिक प्रयास को आगे बढ़ाते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आईसीएमआर के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल का चरण पूरा किया है। मालूम हो कि फिलहाल यूके (यूनाइटेड किंगडम)में बनी कोरोना वैक्सीन का ब्राजील, साउथ अफ्रीका और यूएसए में परीक्षण किया जा रहा है। इस संदर्भ में कोविशील्ड वैक्सीन के अब तक के परिणाम से वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं और इसे विश्व व्यापी महामारी कोरोना के खिलाफ के अहम जीत मान रहे हैं। पहले और दूसरे चरण के परीक्षण से प्राप्त परिणाम के आधार पर कोविशील्ड को मानव प्रयोग के लिए सुरक्षित माना जा रहा है। एसआईआई, आईसीएमआर के सहयोग से इसे बहुत जल्द बाजार में उतार सकेगा। डीजीसीआई द्वारा दिए गए लाइसेंस के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड की 40 मिलियन डोज तैयार भी कर दी हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने बताया कि कोरोना वैक्सीन बनाने और शोध में आईसीएमआर की अब तक अहम भूमिका रही है कोविशील्ड बनाने के साक्षा प्रयास से हमारे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं और इसके परिणाम निश्चित रूप से बेहतर होगें। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि कोरोना वैक्सीन बनाने के सभी प्रयास में आईसीएमआर की तकनीकि मामलों में अहम भूमिका रही है, वैश्विक महामारी से निपटने के लिए संस्थान हर तरह से तत्पर है।
यूएस की नोवावैक्स के ट्रायल में हुई देरी
कोरोना वैक्सीन के लिए यूएस की नोवावैक्स कंपनी द्वारा तैयार की जानी वाली कोवावैक्सन भी शुरूआत से ही वैक्सीन बनाने की दावेदार प्रस्तुत कर रही है, लेकिन कंपनी द्वारा साउथ अफ्रीका और यूके में वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल सही समय पर शुरू नहीं हो पाया, हालांकि कंपनी ने अब वही ट्रायल यूएसए में शुरू करने की घोषणा की है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोवावैक्स के वायल बनाने का काम दिया गया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।