कोरोना से बचाव के लिए घर पर रहना ही एक मात्र विकल्प- अध्ययन

नई दिल्ली,
घर पर रहने की अपील कोरोना संक्रमण के फैलाव में काफी हद तक कारगर साबित हो सकती है। आईसीएमआर ने इस बावत पहली बार जारी गणितीय अध्ययन में इस बात को स्वीकार किया है कि सख्ती पर घर पर रहने की हिदायत का पालन करके ही संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोका जा सकता है।
भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आईसीएमआार के नेतृत्व में वुहान कोविड के लिए बनी टास्क फोर्स ने मंगलवार को वायरस का पहली बार फैलाव का गणितीय आंकड़ा जारी किया है। वुहान कोविड के फैलाव की तमाम संभावनाओं का आंकलन करते हुए आईसीएमआर इस निर्णय पर पहुंचा है कि घर पर रहने की गाइडलाइन का यदि गंभीरता से पालन किया जाएं तो फैलाव को 89 प्रतिशत से 62 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। अध्ययन में एअरपोर्ट स्क्रीनिंग और स्टे होम नियम पर तुलनात्मक शोध किया है। शोध कहता है कि एअरपोर्ट स्क्रीनिंग के माध्यम से वायरस को देश में आने से रोका जा सकता है जबकि यदि देश में लोग सामुदायिक स्तर पर घर दो से तीन हफ्ते रूक जाएं तो संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोका जा सकता है। आईसीएमआर ने डॉ संदीप मंडल, डॉ. तरून भटनागर, डॉ. अनुप अग्रवाल सहित पांच अन्य चिकित्सकों की दल द्वारा तैयार रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। हालांकि अध्ययन में यह भी कहा गया है कि अनावश्यक हवाई यात्रा को रोक कर इसे देश में प्रवेश से रोका जा सकता था, लेकिन अभी वह स्थिति गुजर चुकी है। इसलिए सामुदायिक स्तर पर इसके फैलाव को रोकने के लिए घर पर रहना ही एक मात्र विकल्प बचा है।

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