नई दिल्ली: ज्यादा ग्लिसेमिक इंडेक्स वाले फूड का बहुत ज्यादा सेवन करने से ब्लड शूगर पर तुंरत असर होता है और यह मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारी को और खतरनाक बीमारी बनाता है। चीनी से मिलने वाली हर एक्सट्रा 150 कैलरीज डायबिटीज का खतरा 1.1 पर्सेंट तक बढ़ा देती है। चीनी का पूरे शरीर पर असर पड़ता है और यह ना सिर्फ लीवर और डायजेस्टिव सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचाता है बल्कि शरीर के बाकी अंगों पर बुरा इफेक्ट डालता है।
इस बारे में हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर के के अग्रवाल ने कहा कि ज्यादा चीनी खाने से वजन भी बढ़ता है। बढ़े वजन के साथ लगातार ज्यादा इनसुलिन बने रहने से शरीर में इनसुलिन की रेसिस्टेंस और डायबिटीज पैदा होने का खतरा बना रहता है, जिससे आगे चल कर दिल के रोग होने का खतरा होता है। कुछ सप्ताह तक ही चीनी का अधिक सेवन करने से लंबे दिल के रोगों से पीड़ित मरीज़ों में हाई टोटल कोलेस्ट्रोल, ट्रिग्लिसाईड, एलडीएल, ऑक्सीडाईज्ड, एलडीएल, यूरिक एसिड, इनसुलिन रेसिस्टेंस और ग्लूकोज टोलरेंस में गड़बड़ी, एचडीएल कम होना और प्लेटलेट्स प्रणाली में बदलाव जैसी परेशानी हो सकती हैं।
मैक्स के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार का कहना है कि प्रोसेस्ड फूड और पेय पदार्थों में सुक्रोज के रूप में एक्सट्रा फ्रुक्टोज या हाई फ्रूक्टोज कोर्न सिरप बहुत अधिक लेवल में पाया जाता है, जिससे नुकसान हो सकता है। इसका बहुत ज्यादा सेवन करने से शरीर में वजन को नियंत्रित करने वाले हार्मोन में गड़बड़ी हो सकती है। एक्सट्रा फ्रुकटोज का यूज मोटापे का खतरा बनता है जो बढ़ा देता है जो दिल के रोगों का खतरा भी बनता है। फलों और सब्ज़ियों में मौजूद नेचुरल मीठे से दिल के रोगों का कोई खतरा नहीं होता। समस्या रिर्फाइंड शूगर और अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड की है जो बड़ी चिंता का विषय हैं। सभी डिब्बा बंद प्रोडक्ट और ड्रिंक्स में एक्सट्रा मीठे वाले उत्पादों का 75 प्रतिशत हिस्सा हैं।
चीनी का इस तरह से नुकसान है:
: चीनी इम्यून सिस्टम को खराब करता है, रिसर्च में पता चला है कि बहुत ज्यादा चीनी के यूज से शरीर के अंदरूनी माइक्रोबायटो का बैलेंस पर असर होता है।
: चीनी से दांत सड़ते हैं, इनके अंदर मौजूद बैक्टीरिया चीनी को तेजाब और रासायण बनाने में यूज करते हैं जिससे दांत के अंदर का ऐनेमल कम होने लगता है और दांत कमजोर व मसूढ़े खराब हो सकते हैं।
: चीनी से मसूड़ों के ऐसे रोग हो सकते हैं जिससे दिल की समस्या पैदा होती है। मुंह में होने वाल क्रोनिक इनफैक्शन की वजह से कोरोनरी आर्टरी की बीमारी भी हो सकती है।
: चीनी हार्ट को नुकसान पहुंचाता है, अधिक ग्लिसेमिक इंडेक्स वाले प्रोडक्ट ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं जिससे हाईपरटेंशन हो सकता है। इससे फैटी लीवर होता है, ग्लिसेमिक इंडेक्स वाला फ्रूकटोज लीवर में फैट जमा करने लगता है।