होम्योपैथी चिकित्सकों को उच्च स्तर की नैतिकता अपनानी चाहिए : नायडू

नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज होम्योपैथी चिकित्सकों को अपने पेशे में उच्च स्तर की नैतिकता एवं मूल्य अपनाने का आह्वान किया। नायडू ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस के मौके पर लोगों के बीच इसके लिए जागरूकता उत्पन्न करने की जरूरत पर बल दिया कि वे अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए अपनी जीवनशैली बदलें। उन्होंने होम्योपैथी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका ‘‘ कोई दुष्प्रभाव या बाद का प्रभाव ’’ नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि ‘‘ एक ऐसा दिन आये जब होम्योपैथी प्रत्येक घर में पहुंचे। ’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सक एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण के समाज सुधारक हैं। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ राष्ट्र एक धनी राष्ट्र से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘ आयूष ’ की ओर से आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा ,‘‘ यदि आप स्वस्थ हैं तो आप धनी बन सकते हैं। हालांकि यदि आप धनी हैं तो इसकी गारंटी नहीं कि आप स्वस्थ बन जाएंगे .. स्वास्थ्य असली दौलत है।
होम्योपैथी के संस्थापक क्रिश्चियन एफ सैमुअल हैनीमन की जयंती मनाने के लिए 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने दिन पर दिन लोकप्रिय हो रही होम्योपैथी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारी मुक्त नहीं बल्कि किसी भी व्यक्ति का समग्र कल्याण है जो कि किसी भी शारीरिक, सामाजिक और मानसिक समस्या से मुक्त हो। उन्होंने कहा, ‘‘होम्योपैथी किफायती है…इसका कोई दुष्प्रभाव या बाद का प्रभाव नहीं होता। यह कई चुनौतियों के लिए उचित समाधान मुहैया कराती है…। उन्होंने इसकी प्रैक्टिस करने के दौरान एक उच्च स्तर की नैतिकता अपनाने का आह्वान किया।

सोर्स : भाषा

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