सस्ते दर पर भारत में मिलता रहा है सेरोगेट मदर

मोनिका, नई दिल्ली
विदेशों से पांच गुना सस्ते दर पर भारत में सेरोगेट मिल रही हैं।आजकल देश में ऐसीमहिलाएं हैं, जो पैसे लेकर देशी-विदेशी महिलाओं को किराए पर अपना कोख उपलब्ध कराती हैं, ताकि उनका बच्चा अपने गर्भ में पाल सकें। वैज्ञानिक भाषा में ये सरोगेट मदर हैं, जिनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। विदेशी दंपित्तयों के लिए भारतीय महिलाएं सबसे बेहतरीन सरोगेट मदर हैं। विदेशियों का मानना है कि अधिकांश भारतीय महिलाएं शराब, सिगरेट से दूर रहती हैं और शाकाहारी होती हैं, जिस कारण उनके गर्भ में पलने वाली संतान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भारतीय महिलाओं को भी नौ महीने तक किराए पर कोख उपलब्ध कराने के लिए 60 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक मिल जाता है।
अमेरिका, यूरोप की पहली पसंद भारत
आईवीएफ एक्सपर्ट के मुताबिक पिछले दो साल में सेरोगेट मदर का चलन बढ़ रहा है। देश में हर में महीने दो से तीन भारतीय और 25 विदेशी कपल्स सेरोगेसी के जरिए बच्चे हासिल कर रहे हैं। विदेशियों में अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, कोरिया, चीन, मध्य पूर्व के देश, जकार्ता व अफ्रीकी देशों के दंपत्तियों के लिए भारत की सरोगेट मदर पहली पसंद बनती जा रही हैं। साल 2007 के आईसीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में सेरोगेसी के लिए किसी महिला को 4 लाख रुपए देना पड़ता है जबकि भारत में 60 हजार रुपए में ही महिलाएं किराए पर कोख उपलब्ध करा देती हैं। यही कारण है कि विदेशी दंपत्ति में किराए की कोख के लिए महिलाओं की तलाश में आते हैं। लेकिन अब भारत में भी इस की कीमत बढ़ गई है और दो लाख तक लिए जा रहे हैं।
डॉक्टर के अनुसार जिन महिलाओं के गर्भ में बच्चा नहीं ठहरता, बार-बार गर्भपात हो जाता है या किसी भी कारण से गर्भाशय में खराबी होती है, वह मां बनने में असमर्थ होती हैं। इनके लिए सेरोगेसी यानी किराए का कोख ही सहारा होता है। उन्हें ऐसी महिलाओं की तलाश होती है, जो उनके बच्चे को नौ महीने तक अपने गर्भ में पाल सकें।
बच्चे पैदा करने में असमर्थ महिलाओं के अंडाणु का उनके पति के शुक्राणु यानि स्पर्म से फर्टिलाइट यानि निषेचन कराने के बाद भ्रूण को सेरोगेसी के लिए तैयार महिलाओं के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। अंडाणु औार शुक्राणु डोनर सेरोगेट मदर से पैदा होने वाले बच्चे के जैविक यानि बॉयोलॉजिकल माता-पिता होते हैं, जबकि सेरोगेट मदर उस बच्चे की अजैविक मां होती है, जिसका उस बच्चे पर कानूनन कोई अधिकार नहीं होता है।

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