नई दिल्ली,
टीवी स्क्रीन के जाने माने अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का गुरूवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। केवल चालीस साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की सूचना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। विशेषज्ञों की मानें तो देश भर में कम उम्र में दिल की बीमारियों से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है। तनाव, मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एल्कोहल व सिगरेट आदि को युवाओं में दिल का दौरा पड़ने की अहम वजह बताया जा रहा है।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएसन से जुड़े डॉ. हरीश गुप्ता कहते हैं कि विशेष तरह के जीन होने के कारण भारतीयों में दिल की बीमारियों का खतरा अन्य देशों की अपेक्षा अधिक पाया गया है। वर्ष 2000 में दिल की बीमारियों से मरने वालों का आंकड़ा जहां 15 लाख तक समिति था, वर्ष 2010 में यह संख्या 20 लाख तक पहुंच गई है। डॉ. हरीश गुप्ता ने बताया सुरक्षित दिल के लिए एबीसी फंडा लांच किया गया है। जिसमें एअर, ब्रीदिंग और सर्कुलेशन को अपना कर दिल को सुरक्षित किया जा सकता है।
बत्रा अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल कहते हैं युवाओं को सिगरेट का सेवन तुरंत बंद किया जाना चाहिए। इसके साथ ही तनाव कम करने के लिए ऑफिस में हैपी ऑवर कल्चर शुरू किया जा सकता है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विनीता शर्मा कहती हैं अनियिमित दिनचर्या और आहार में बदलाव के कारण कम उम्र में दिल का दौरा बढ़ने की संभावना बढ़ी है। 35 साल के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए, जिससे कोलेस्ट्राल और बीपी का पता लग सके। अधिकांश मामलों में अनियमित बीपी भी हार्ट अटैक के लिए साइलेंस किलर माना जाता है।
क्या है एबीसी..
ए- महिलाओं में पेट का घेरा यदि 80 सेमी व पुरूषों में 85 सेमी से अधिक नहीं होना चाहिए
बी-रक्तचाप किसी भी सूरत में 120/80 तक सीमित होना चाहिए
सी-कोलेस्ट्राल (बैड एचडीसी) का स्तर 130 एमजी से कम होना चाहिए
डी- खाने में डाइट का भी है महत्व, जिसमें वसा कम फाइबर हो अधिक
ई- नियमित व्यायाम जरूरी, कम से कम 1000 कदम रोजाना चलें
(उपरोक्त फंडे में बीमारी से बचाव व उपाय दोनों को शामिल किया गया है)