नई दिल्ली,
दिल्ली नर्सिंग यूनियन के बैनर तले राम मनोहर लोहिया अस्पताल की नर्सों ने बुधवार एक सितंबर से काली पट्टी बांध कर काम किया। यूनियन की नर्सों ने यह विरोध प्रदर्शन तीन प्रमुख मांगों को लेकर किया, जिसमें लंबे समय से लंबित पदोन्नति, वरिष्ठ पदों पर नर्सिंग काडर की सीधी भर्ती और नर्सों की आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगाने की मांग की गई।
दिल्ली नर्सेस यूनियन की जनरल सेक्रेटरी जीके खुराना ने बताया कि इस बावत 24 अगस्त को हुई यूनियन की बैठक के बाद आरएमएल अस्पताल की नर्सेस यूनियन से एक सितंबर से अस्पताल की चिकित्सीय सेवाएं बाधित किए बिना काम करते हुए काली पट्टी बांधकर अपना विरोध कराने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में एक सितंबर सुबह नौ से 11 के बजे तक सभी नर्सों ने काली पट्टी बांध कर विरोध स्वरूप काम किया। इस दौरान चिकित्सीय सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया गया। यूनियन का कहना है कि कोविड के आपात समय में हमें अपनी मांगों के लिए विरोध करना पड़ रहा है जिसका हमें खेद है, लेकिन लंबे समय से अस्पताल प्रशासन को उनकी मांगों के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नर्सेज यूनियन का कहना है कि बीते 20-25 साल से नर्सेस की पदोन्नति नहीं हुई है, आरएमएल अस्पताल में डीएनएस और एएनएस के 98 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। जिनको भरने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा लंबे समय से डीपीसी जारी नहीं किया गया। प्रशासन इन पदों को भरना ही नहीं चाहता। यूनियन का यह भी कहना है कि हाल ही में अस्पताल प्रशासन द्वारा नर्सेस कॉडर की वरिष्ठ पदों डिप्टी नर्सिंग सुपरिटेंडेंट और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर की सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया। 40 से 45 हजार के वेतनमान की इस रिक्तियों का यूनियन ने विरोध किया है यूनियन का कहना है कि जबकि अस्पताल में पहले से कार्यरत नर्सेस को पदोन्नति नहीं दी गई ऐसे में सीधी वरिष्ठ पदों की भर्ती जारी करना आपत्तिजनक है। इसके साथ ही यूनियन से केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के द्वारा उस पत्र का भी विरोध किया है, जिसमें नर्सेस कॉडर से जुड़े अहम पदों के स्टॉफ के लिए आउटसोर्स करने को कहा गया है। यूनियन का कहना है कि कोविड की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन को आउटसोर्स की जगह नर्सों की सीधी भर्ती करनी चाहिए।