नई दिल्ली,
मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाले हाईड्रो क्लोक्वीन दवा को सरकार किसी भी सूरत में देश से बाहर भेजने पर विचार नहीं कर रही है। देश में दवा की पर्याप्त मात्रा है और इसे जरूरत पड़ने पर कोरोना का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को ही दिया जा रहा है। देश में मलेरिया के मरीज अधिक होने के कारण यहां अन्य देशों की अपेक्षा मलेरिया की दवा का निर्माण अधिक होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंफ ने सरकार ने हाईड्रो क्लोरोक्वीन दवा की मांग की थी, इस समय कोरोना पीड़ित सभी देशों के एवज मे देश में सबसे अधिक एचक्यूसी मौजूद है। सरकार ने स्पष्ट किया गया, दवा के निर्यात की रणनीति के संदर्भ में पांच अप्रैल को दोबारा नोटिफिकेशन जारी किया गया है। सरकार विशेष परिस्थितियों में ही दवा के निर्यात की बात कही है।
संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि एंटी मलेरिया दवा को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है। इसका निर्यात नहीं किया जाएगा। देश में हाइड्रो क्लोरोक्वीन दवा स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है, जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर राज्यों से आ रही मांग पर सचिव ने कहा कि अभी 14 अप्रैल तक का ही लॉकडाउन निर्धारित किया गया, सरकार द्वारा इसको बढ़ाने को लेकर लिए गए किसी भी निर्णय की जानकारी सबसे पहले मीडिया को दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया गया पार्शियल लॉकडाउन जैसी सूचनाएं अफवाह है, इसपर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। चिकित्सकों को पीपीई या पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट पर स्पष्ट करते हुए कहा गया कि एन95 मास्क पर्याप्त मात्रा में मंगा लिए गए हैं, जरूरत पड़ने पर इसके लिए अन्य देशों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही कोरोना रणनीति के तहत सरकार सभी जगह जरूरी राशन आदि पहुंचाने के लिए माल गाड़ियों का प्रयोग कर रही है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार के पास पर्याप्त भंडारण है।