नई दिल्ली,
कोरोना की जांच को लेकर सरकार को सरकार को एक बार और विचार करना चाहिए। सामान्य ब्लड जांच से कई बार सटीक जांच नहीं हो पाती। कोरोना के वायरस शरीर में 14 से 20 दिन तक सुप्तावस्था में होते हैं, जिसे सीटी स्कैन से ही पकड़ा जा सकता है। चीन ने कोरोना जांच में आरटीपीसीआर के बाद चेस्ट सीटी को भी आवश्यक रूप से शामिल कर दिया है। इससे संबधित एक लेख रेडियोलॉजी शोधपत्र में प्रकाशित हुआ है। रेडियोलॉजिस्ट और मेडस्केप इंडिया की प्रमुख डॉ. सुनीता दुबे कहती हैं कि खून की आरटी-पीसीआर जांच के साथ ही छाती की सीटी स्कैन जांच से कोरोना के अधिक पुख्ता जांच संभव है। वुहान शहर के रेडियोलॉजी मेडिकल शोध पत्रिका में छपे एक लेख का हवाला देते हुए डॉ. सुनीता ने बताया कि चीन अब सामान्य पीसीआर जांच के साथ ही ही चेस्ट सीटी भी कर रहा है। इस बावत एक हजार से अधिक मरीजों की पहले सामान्य आरटी पीसीआर जांच की गई, इसके बाद सभी मरीजों की चेस्ट सीटी जांच की गई। चेस्ट सीटी से 88 प्रतिशत मरीजों में कोरोना देखा गया, जबकि आरटीपीसीआर में केवल 59 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण पाया गया।