नई दिल्ली,
चिकित्सा की अंर्तराष्ट्रीय पत्रिका जामा द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात पता चली है कि प्रमुख दस के खाद्य चीजों का सही बैलेंस न होने की वजह से अधिकांश लोग सीएमडी या कार्डिएक मेटाबॉलिक बीमारियों के शिकार होते हैं। यह दस खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिसमें लोग कुछ का बहुत अधिक प्रयोग करते हैं जबकि कुछ ऐसे जरूरी खाद्य पदार्थ हैं, जिसको खाने में बिल्कुल भी शामिल नहीं करते, जिसका नतीजे 45 प्रतिशत लोगों में दिल की बीमारी या टाइप टू डायबिटिज के रूप में सामने आते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि चार प्रमुख तरह की चीजें हैं, जिसका बहुतयात में इस्तेमाल किया जाता है सोडियम यानि नमक के अधिक प्रयोग से 9.5 प्रतिशत, प्रोसेस्ड मीट की वजह से 8.2 प्रतिशत, मीठे जंक फूड से 7.4 प्रतिशत और प्रोसेस्ड लाल मीट की वजह से 0.4 प्रतिशत लोगों को सीएमडी की शिकायत होती है। इसी तरह ऐसे खाद्य पदार्थो की भी श्रेणी तैयार की गई है, जो दिल को सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन लोग इनका प्रयोग बिल्कुल नहीं करते हैं। नट्स और अंकुरित बीज 8.4 प्रतिशत, समुद्री खाद्य पदार्थ व ओमेगा थ्री 7.8 प्रतिशत, सब्जियां 7.6 प्रतिशत, होल ग्रेन 5.9 प्रतिशत, पॉलीसेचुरेड फैट 2.3 प्रतिशत कम प्रयोग करने से लोगों को दिल की बीमारी हुई। हार्ट केयर फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि संतुलित आहार से दिल की बीमारियों से 80 प्रतिशत तक बचा जा सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित होने वाले परफेक्ट हेल्थ मेला में लोगों को दिल की बीमारियों से बचाव के अलावा स्वस्थ दिनचर्या के लिए जरूरी कुछ बातों की जानकारी दी जाएगी।