नई दिल्ली
नमक का सेवन करने के मामले में भारतीयों की आदत उन्हें बीमार कर रही है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन द्वारा हाल मे किए गए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है। दिल्ली वाले रोजाना नौ ग्राम जबकि हरियाणा में एक व्यस्क औसतन दस ग्राम नमक का रोज सेवन कर रहा है।
खाने में जरूर से अधिक नमक का सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है और लगातार रक्तचाप का अनियमित रहना दिल के लिए खतरनाक माना गया है। आहार में नमक की मात्रा को सीमित रखकर हृदयघात के खतरों को कम किया जा सकता है। इस बावत पीएचएफआई के प्रमुख डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि भारतीय खाद्य पद्धार्थो में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, बावजूद इसके खाने में नमक की अधिक मात्रा किडनी और गैर संक्रामक बीमारियों को दावत देती है। ज्यादा नमक का सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है, जिससे हाइपरटेंशन की शिकायत बढ़ती है। लगातार उच्चरक्तचाप बने रहने से धमनियां कठोर हो जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन और खून का प्रवाह कम होने लगता है। अधिकतर देखा गया है अधिक नमक का सेवन करने वाले लोगों के चेहरे पर बहुत जल्द झुर्रियां आने लगती है, इसकी वजह धमनियों में ऑक्सीजन और खून का प्रवाह सामान्य नहीं हो पाता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार एक व्यस्क का अपने नियमित आहार में केवल पांच ग्राम नमक का सेवन ही करना चाहिए। इससे अधिक नमक नुकसानदेह हो सकता है।
अलग हैं नमक और सोडियम
डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि अकसर नमक और सोडियम शब्द एक दूसरे के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, हालांकि इनका मतलब अलग अलग है। नमक में सोडियम और क्लोराइड शामिल होता है। खाने में इस्तेमाल होने वाला सोडियम दिल के लिए नुकसानदेह हो सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले सोडियम का 75 प्रतिशत हिस्सा पैक्ड फूड और रेस्ट्रा में मिलने वाले खाद्य पद्धार्थो से आता है।