नई दिल्ली,
कंपनी ट्रेड मार्क उल्लंघन मामले में एक रोचक मामला सामने आया है। बांबे हाईकोर्ट ने फार्मा कंपनी ग्लेमार्क द्वारा गालफा कंपनी पर उनके एक प्रोडक्ट की हूबहू नकल बाजार में उतारने और अधिक मुनाफा कमाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया। ग्लेनमार्क के आरोप को सही पाया गया, ग्लेनमार्क ने कोर्ट से अपील कर जुर्माना राशि केरल रिलीफ फंड में जमा करने की बात कहीं, जिसे कोर्ट स्वीकार कर केरल के बाढ़ प्रभावित हालात को देखते हुए केरल रिलीफ फंड में जुर्माने की राशि जमा करने का आदेश दिया।
जानकारी के अनुसार ग्लेमान मार्क ने गालफा फार्मा सियुटिकल कंपनी पर अपने एक अहम उत्पाद कैंडिड बी की नकल करने का आरोप लगाया। गालफा इसी प्रोडक्ट को क्लोबिड बी नाम से उसी पैटर्न और डिजाइन के साथ बाजार में बेच रही थी। बांबे हाई की जस्टिक केएस कठवालिया की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि दवाइयां कोई मिठाई नहीं है, जिसे किसी भी नाम से नकल कर बेची जा सकें, फार्मा कंपनी ने एक प्रतिष्ठित कंपनी के उत्पाद की नकर कंपनी नियमों का उल्लंघन किया है। जिससे कंपनी के उत्पाद की बाजार में छवि भी खराब हुई है। जस्टिस कठूरिया ने कहा कि क्लोबिड बी, ग्लेमार्क कंपनी के कैंडिड बी की नकल है। दोषी मानते हुए कोर्ट ने गालफा फार्मा सियुटिकल पर डेढ़ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया, हालांकि ग्लेनमार्क जुर्माना राशि कंपनी के खाते में लेने की जगह केरल रिलीफ फंड में जमा करने की गुजारिश की, जिसे बाद में गालफा ने स्वीकार कर दिया। मालूम हो कि बीते कई दिनों से केरल में बाढ़ आई हुई, सरकार लोगों से सामूहिक मदद की अपील कर रही है। बांबे हाई कोर्ट द्वारा सुनाया गया यह अपने तरह का पहला मामला है।