नई दिल्ली
ब्लू व्हेल गेम के बाद आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किकी चैलेंज का जोर दिख रहा है। दस किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार से भी धीमी गति की चलती कार के साथ दरवाजा खोलकर डांस करने के इस चैलेंज की वजह से कई लड़कियां वारदात और दुर्घटना की शिकार हो गई हैं। दिल्ली पुलिस, बैंगलूरू सहित मुंबई पुलिस इस बावत लोगों को सर्तक किया है। किकी चैलेज की शुरूआत 30 जून को इंटरनेट कैमेडियन शिगी ने किया था।
हाई केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि बच्चे किसी भी तरह से किकी चैलेंज के झांसे में न आए इससे उनकी जान माल को खतरा हो सकता है। मुंबई में किकी चैलेज के दौरान मार्ग दुर्घटना और महिला का पर्स छिने जाने की घटनाएं हो चुकी हैं। चलती सड़क पर डांस करने का पागलपन टीन एजर्स की जान भी ले रहा है। यूपी पुलिस ने ट्वीट कर अभिभावकों से सतर्क रहने के लिए कहा है कि वह बच्चों पर नजर रखें और अंजाने में भी किकी चैलेंज को स्वीकार न करें। चंडीगढ़ पुलिस ने रेडियो मिर्ची के सहयोग से किकी को न दोहराने की लोगों से अपील की है। डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन चैलेंज को बच्चे बेहद सहजता से स्वीकार कर लेते हैं, जो बाद में जानलेवा साबित होते हैं।
कब कब आएं चैलेज
इससे पहले वर्ष 2016 में गो पोकेमॉन चैलेज को स्वीकार करने में विश्वभर में एक लाख दस हजार लोगों की सड़क दुर्घटना में जान गई। इसके बाद 2017 में ब्लू व्हेल गेम के एक स्तर पर जाकर बच्चे आत्महत्या करने को मजबूर हुए। इस गेम में बच्चों को टास्क पूरा करने के लिए मरने के लिए उकसाया गया। हालांकि बाद में इस गेम को देश में बंद कर दिया।
कब शुरू हुआ किकी चैलेंज
इंटनेट केमिडियन शिगी ने 30 जून को भीड़ भरी सड़क पर चलती गाड़ी के साथ डांस करने का वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। इसके बाद शिगी के एक दोस्त ने ऐसा ही वीडिया अपलोड किया, जिसमें बाकी लोगों से इस तरह करने का चैलेंज स्वीकार करने को कहा गया। कई फिल्मी सितारों ने भी किकी चैलेज को स्वीकार कर वीडियो अपलोड किए हैं। यू ट्यूब अब तक यह चैलेंज आठ करोड़ लोगों तक पहुंच चुका है।