नई दिल्ली।
बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों का एक बड़ा तबका अब पारंपरिक जीवन शैली की पैरवी करने लगा है। जिसमें महिलाओं के एरोबिक छोड़ घर के काम काज खुद करने व पुरूषों के लिए बाहर के काम करने पर जोर दिया जा रहा है। केवल व्यायाम ही नहीं, स्वस्थ रहने के लिए खाने की शैली भी बदलनी होगी। जिसमें अंकुरित चने व अधिक फाइबर युक्त ओट्स को शामिल किया जा सकता है।
राजधानी में पिछले 5 साल में व्यायाम को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन बेतरतीब ढंग से किए गए व्यायाम का उल्टा असर पड़ा रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा देश भर के 150 से अधिक विशेषज्ञों ने मिलकर विभिन्न आयु वर्ग के व्यायाम के लिए गाइडलाइन जारी की है। नेशनल डायबिटिज, ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्राल फाउंडेशन के निदेशक डॉ. विपिन मिश्रा ने बताया कि केवल व्यायाम करते रहने से स्वस्थ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। देश भर के फिजिकल ट्रेनर को प्रशिक्षित करने के लिए पहली बार हर उम्र के लोगों के लिए व्यायाम की गाइडलाइन जारी की गई है। कामकाजी महिलाएं घरेलू काम करके ही नियमित 6 से 7 कैलोरी कम कर सकती हैं, जबकि पुरूष बाहर का काम स्वयं कर व बच्चे इंडोर खेल की जगह आउटडोर खेल से स्वस्थ रह सकते हैं। पहली बार दिल को सुरक्षित रखने के लिए पहली बार कार्डिओ रेस्पायरेटरी फिटनेस को भी महत्व दिया गया है।
किसके लिए कितना व्यायाम
-नियमित रूप से 60 मिनट का व्यायाम जरूरी, जिसमें 30 मिनट अतिरिक्त श्रम, व 15-15 मिनट योगा व आसान को दिया जा सकता है।
-गर्भवती महिलाओं के लिए 30 मिनट का शारीरिक व्यायाम जरूरी, जिसे गर्भ के दो महीने बाद शुरू किया जा सकता है। अन्य कोई तकलीफ होने पर चिकित्सक की सलाह पर करें व्यायाम
-65 से अधिक उम्र के लिए 45 मिनट व्यायाम जरूरी, जिसमें साइकलिंग को शामिल कर सकते हैं, जबकि स्वीमिंग चिकित्सक की सलाह पर करें।
-बच्चों के लिए 2 घंटे से अधिक कंप्यूटर का इस्तेमाल हानिकारक, जबकि आउटडोर गेम में दो घंटे का शारीरिक व्यायाम होना जरूरी। उम्र के अनुसार बच्चे भी कर सकते हैं वेट लिफ्टिंग, इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
-मधुमेह व दिल के मरीजों के लिए व्यायाम के 15 मिनट पहले वार्मअप जरूरी। हाइपरग्लीसिमिया, केटोयूरीन व आंखों की समस्या पर न करें व्यायाम।