प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय किया गया। इस योजना के तहत नए एम्स का निर्माण और सरकारी मेडिकल कालेजों का उन्नयन किया जाएगा। यहां बताना जरूरी है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि 2012-17 तक थी। लेकिन इस योजना के लिए सरकार ने इसकी अवधि बढ़ाई है।
नये एम्स की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य शिक्षा में बदलाव लाया जा सकता है बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की कमी से भी निपटा जा सकेगा। नये एम्स के निर्माण के साथ इनका परिचालन एवं रखरखाव का खर्च पूरी तरह से केंद्र सरकार वहन करती है। इसके अलावा केंद्र और राज्यों के बीच हिस्सेदारी के आधार पर अस्पतालों में आधुनिक ब्लाक और ट्रॉमा सेंटर के निर्माण तथा उपकरणों की खरीद तथा नयी सुविधाओं का विकास किया जाता है। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में नये एम्स स्थापित होने से करीब 3000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश भर में 20 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) की स्थापना की योजना को हरी झंडी दे दी है, जिसमें से छह पहले ही स्थापित हो चुके हैं। मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही 73 मेडिकल कॉलेजों को भी अपग्रेड करने की योजना को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसार ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी पत्रकारों को देते हुए कहा, ‘‘यह निर्णय प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना(पीएमएसएसवाई) के तहत लिया गया है, जिसके लिए 14,832 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इसकी मियाद 2020 तक बढ़ा दी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीएमएसएसवाई की मियाद बढ़ाने का निर्णय पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों और सुविधाओं की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया है।’’
एक अधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘नए एम्स के निर्माण से न केवल स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार आएगा, बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। नए एम्स के निर्माण से प्रत्येक एम्स में विभिन्न पदों पर लगभग तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।’’
नए एम्स के निर्माण का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। केंद्र सरकार इन संस्थाओं में संचालन और रखरखाव का खर्च भी वहन करेगी।
बयान के अनुसार, ‘‘अपग्रेड कार्यक्रम के तहत सुपर स्पेशिएलटी ब्लॉक, ट्रॉमा सेंटर्स और अन्य का निर्माण कर स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा।’’
मेडिकल उपकरणों और नई सुविधाओं की खरीद केंद्र व राज्य सरकारें साझा आधार पर करेंगी।
प्रसाद ने कहा, ‘‘पीएमएसएसवाई योजना को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था, क्योंकि दिल्ली स्थित एम्स के ऊपर सारा भार डालना उचित नहीं है। छह एम्स बनाने की योजना थी। लेकिन अगले 10 वर्षों में क्या होगा, यह सभी देखेंगे।’’