लंदन, पांच मई :भाषा: कालाजार जैसी उपेक्षित बीमारी के साथ जीने के लिये मजबूर मरीजों के लिये संभावित दवा खोजने के उद्देश्य से भारत, ब्रिटेन और अमेरिका के विश्वविद्यालयों के छात्र अपनी तरह के पहले शोध और विकास परियोजना के लिये मिलकर काम करेंगे। गैर लाभकारी शोध और विकास संगठन ड्रग्स फॉर निगलेक्टेड डिजीजेज इनिशियेटिव (डीएनडीआई) ने इस हफ्ते पांच विश्वविद्यालयों के बीच ‘द ओपन सिंथेसिस नेटवर्क (ओएसएन)’ परियोजना शुरु की है( इसमें प्रतिभागी विश्वविद्यालयों से रसायन शास्त्र से 25 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के बीच सहभागिता होगी। शैक्षणिक सत्र 2016-17 के दौरान ये भारत में कालाजार के नाम से जानी जाने वाली उपेक्षित बीमारी के लिये रसायनिक यौगिकों में सुधार के लिये काम करेंगे।