नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस समाप्त करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए, इसी माह राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत हेपेटाइटिस बी और सी के लिए मुफ्त दवाएं और निदान की पे-रु39याक-रु39या की जाएगी। इस पहल का मकसद निवारक और प्रचारक हस्तक्षेपों के अलावा बीमारी के कारण विकृति और मृत्यु दर को कम करना, विभिन्न मंत्रालयों के साथ सहयोग, परीक्षण और उपचार सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाना और जिला स्तर तक क्षमताओं का निर्माण करना शामिल है।
वायरल हेपेटाइटिस भारत में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है और लगभग 4 करोड़ व्यक्तियों को प्रभावित करती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एड्स और तपेदिक के कारण वायरल हेपेटाइटिस की वजह से मौतें बहुत अधिक होती हैं। वायरल हेपेटाइटिस या तो दूषित भोजन या पानी (ए, ई) अथवा रक्त और -रु39यारीर के तरल पदार्थ (बी, सी) के माध्यम से फैलता है।इस बारे में बोलते हुए, एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस और एचआईवी का संयोग एक आम समस्या है और इसका इलाज चिकित्सकों के लिए एक चुनौती है।
उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) या हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) के साथ संक्रमित एचआईवी वाले लोगों को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम में वृद्धि हो जाती है। एचआईवी के साथ रहने वाले सभी लोगों को हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के लिए भी परीक्षण किया जाना चाहिए। एचएचवी, एचबीवी, और एचसीवी में ट्रांसमि-रु39यान के समान मार्ग हैं। वे गर्भावस्था या प्रसव के दौरान संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ जैसे रक्त और वीर्य आदि के तरल पदार्थ, या मां से बच्चे के संपर्क में आने से फैलता है। ट्रांसमि-रु39यान के इन सा-हजया मार्गों के कारण, एचआईवी संक्रमण के जोखिम वाले लोगों को भी एचबीवी या एचसीवी संक्रमण का जोखिम रहता है। इनमें से, एचबीवी अधिक संक्रामक है।
तीव्र हेपेटाइटिस के संकेत और लक्षण तेजी से दिखाई देते हैं और थकान, फ्लू, गहरे रंग का मूत्र, मल में पीलापन, पेट दर्द, भूख की कमी, वजन घटने और त्वचा व आंखो में पीलेपन जैसे लक्षण शामिल हैं, जो पीलिया के संकेत हो सकते हैं। डॉ. अग्रवाल, जो आईजेसीपी के समूह संपादक भी हैं, ने आगे बताया कि किसी भी वायरस के कारण तीव्र हेपेटाइटिस आमतौर पर आत्म-सीमित होता है और इसके लिए अच्छा आहार, पूर्ण आराम और केवल लक्षणों के उपचार की आव-रु39ययकता होती है। गंभीर वायरल हेपेटाइटिस में लीवर की विफलता के मामलों में तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को गहन उपचार और यकृत प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है। इस घातक स्थिति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है और इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता भी बढ़ानी जरूरी है। टीकाकरण कराना महत्वपूर्ण है, जिसके अभाव में जटिलताओं में वृद्धि हो सकती है।
24-28 अक्टूबर, 2018 तक तालकटोरा इनडोर स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 25वें एमटीएनएल परफेक्ट हेल्थ मेला में इस रोग सहित कई अन्य रोगों पर चर्चा की जायेगी।