महिलाओं और बुजुर्गों में अलग होता है हार्ट अटैक का लक्षण

Doctor holding heart

नई दिल्ली: सर्दियां दिल के दौरे का मौसम हैं और महिलाओं और उम्रदराज़ लोगों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यह कहना है हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉक्टर के के अग्रवाल का, उन्होंने कहा कि कसरत यानि कि एक्सरसाइज के के तुरंत बाद या कुछ घंटों बाद यह लक्षण सामने आ सकते हैं।

डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि ज़्यादातर महिलाओं के लिए सीने का दर्द दिल के दौरे का प्रमुख लक्षण हैं लेकिन पुरूषों की तुलना में महिलाओं में सीने के दर्द के अलावा और लक्षण होने की संभावना ज़्यादा होती है। इंटरनल मेडिसन के आरकाईव में प्रकाशित 35 साल के अध्ययन में जिसमें 69 खोजें सामने आईं शोधकर्ताओं ने पाया कि 30 से 37 प्रतिशत महिलाओं में दिल के दौरे के समय सीने में बेचैनी नहीं होती। इसके विपरीत केवल 17 से 27 प्रतिशत पुरूषों में सीने में असहजता महसूस नहीं होती।

डॉक्टर ने कहा कि उम्रदराज़ लोगों को बिना सीने की असहजता के दिल का दौरा पड़ने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। ऐसा ना होना दिल के दौरे का पता लगने और उसका बिना देरी इलाज होने का बड़ा कारण बनता है।

पुरूषों की तुलना में महिलाओं में सीने के दर्द का सिंड्रोम ज़्यादा होता है जैसे कि अनियंत्रित एनजीना और इसमें गंभीर कोरोनरी सिंड्रोम के अनेक लक्षण सामने आते हुए लगते हैं। इसमें पीठ के मध्य या ऊपरी हिस्से में, गर्दन या जबाड़े में दर्द; सांस टूटना; जी मिचलाना या उल्टी; अपच, पेट में खराबी, कमज़ोरी या थकान; खांसी, चक्कर आना या पसीना आना भी हो सकता है।

महिलाओं को जब दिल का दौरा पड़ता है तो तब उनकी उम्र पुरूषों की तुलना में 10 साल ज़्यादा होती है। अमेरीकी महिलाओं में मौत का प्रमुख कारण कोरोनरी दिल के रोग हैं जो 18 साल की 10 में से 1 महिला को प्रभावित करता है।

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