मूलचंद अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. जितेन्द्र नागपाल कहते हैं कि तनाव की अधिकता से शरीर में माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी हो जाती है। पौष्टिक खाने की कमी और तनाव की अधिकता के कारण माइक्रोबायोलॉजिकल क्लॉक टूट जाता है, जिसके बाद आसानी यह साइकिल चलता रहता है। जंक फूड, एल्कोहल और सिगरेट तीनों का समावेश मस्तिष्क को बीमारी करने के लिए काफी है।
देश में कितने मानसिक अस्पताल
बढ़ते मानसिक रोगियों की अपेक्षा देश भर में कुल 84 सरकारी मानसिक अस्पताल हैं। जबकि विश्व भर में 1,456332 मानसिक अस्पताल है। जनसंख्या के एवज में अभी चार गुना मानसिक अस्पताल खुलने और बाकी है। नये मेंटल हेल्थ एक्ट में इस पक्ष को भी शामिल किया गया है।
पुरूष अधिक तनाव में
महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों में तनाव की स्थिति अधिक देखी गई है। दिल्ली साइक्रेटी एसोसिएशन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राजधानी की 8 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह से तनाव के करीब है, जिनमें से 29 प्रतिशत पुरूष और 17 फीसदी महिलाएं तनाव की शिकार हैं। अधिक बोलने, शॉपिंग और चुगली आदि करने की आदतों की वजह से महिलाओं में तनाव की गंभीर स्थिति नहीं पाई जाती, जबकि पुरूष तनाव कम करने के लिए सिगरेट या शराब का सहारा लेते हैं। पाया गया है कि पुरूष मानसिक परेशानियों को समूह के बीच आसानी से नहीं बांटते।
कुछ आसान उपाय
-आप अधिक तनाव में इस बात को महसूस करें
-किसी शांत जगह पर जांए, जहां अधिक पेड़ पौधे हों
-स्थितियों का आंकलन करें, गहरी सांस लें और ठंडा पानी पीएं
-वीकेंड दोस्तों के बीच बीताएं, मनपसंद संगीत सुनें
-काम के अलावा अपने शौक की कोई चीज रोजाना करें
-इसमें पेंटिंग, संगीत, गार्डनिंग और लेखन भी शामिल हो सकता है।
-योग व ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें, व्यायाम शरीर के लिए तो योग व ध्यान मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।