मां ने अपनी किडनी देकर बेटी को दिया नया जीवन

Pushpa's daughter Mamta was suffering from kidney disease for a long time. During the last three years of illness, the danger to the daughter's life was increasing. When the doctors advised Mamta to undergo kidney transplant, mother Pushpa came forward and decided to save her daughter's life.

सेहत संवाददाता, लखनऊ

बच्चों को जीवन देने वाली मां ने अपनी एक किडनी देकर बेटी को दोबारा नया जीवन दिया। पुष्पा की बेटी ममता लंबे समय से गुर्दे की बीमारी से जूझ रही थी। पिछले तीन साल में बीमारी के दौरान बेटी के जीवन पर संकट बढ़ता जा रहा था। डॉक्टरों ने ममता को किडनी ट्रांसप्लांट ( Kidney Transplant) सलाह दी तो मां पुष्पा ने आगे आकर बेटी की जान बचाने का फैसला लिया।

24 वर्षीय ममता गौड़ किडनी की गम्भीर बीमारी से ग्रसित थी। बीते दो सालों से केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज) में उसका इलाज चल रहा था। दोनों किडनी फेल हो जाने के कारण उसे बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता था। उसकी हालत दिन ब दिन गम्भीर होती जा रही थी। डॉक्टरों का कहना था कि किडनी प्रत्यारोपण ही अंतिम विकल्प है। बेटी की उखड़ती सांसों को बचाने के लिए मां ने अपनी एक किडनी देने का फैसला किया। बेटी और मां की किडनी मैच होने के बाद डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक यह ट्रांसप्लांट किया। इस प्रत्यारोपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डा विश्वजीत ने बताया कि  बच्ची को काफी समय से ब्लड प्रेशर की समस्या थी, अंनियंत्रित बीपी के कारण ही उसकी किडनी फेल हो गयी। उन्होंने बताया कि यह ट्रासंप्लाट सफल रहा। मां और बेटी दोनों ठीक है। इस ट्रांसप्लांट की खास बात यह रही कि इसमें डोनर की किडनी लेप्रोस्कोपी तकनीकी से निकाली गयी है। इससे डोनर को लंबे चीरे का दर्द नहीं झेलना पड़ा और तीन दिन के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गयी।

साल का पहला प्रत्यारोपण

केजीएमयू में साल का यह पहला किडनी ट्रांसप्लांट ( Kidney Transplant)  है। दिसंबर 2022 से यहां किडनी ट्रांसप्लाट शुरू हुआ था। वर्ष 2022 से 2023 तक पांच ट्रांसप्लांट किये गये। लंबे समय पर अब एक बार फिर ट्रांसप्लांट शुरू हुआ है। डा. विश्वजीत का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अलग से आईसीयू बना दिया है जिससे उम्मीद है कि अब ट्रांसप्लांट प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी। संजय गांधी पीजीआई के डा नारायण प्रसाद व डा उदय प्रताप सिंह, डा संचित रस्तोगी के सहयोग से हुए इस ट्रांसप्लांट में केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग डा विश्वजीत सिंह, डा विवेक सिंह, डा बीपी सिंह, डा मनोज कुमार, डा मोहम्मद रेहान तथा डा कृष्णा भंडारी, निश्चेतना विभाग से  मो परवेज, डा तन्मय तिवारी, डा तन्वी भार्गव तथा डा रतिप्रभा नेफ्रोलॉजी विभाग से दुर्गेश पुष्कर, गुलाब झा, डा विशाल पुनिया तथा डा मेधावी गौतम ने योगदान किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *