अंबेडकर अस्पताल में महिला की मौत के बाद हुई कोरोना की पुष्टि

नई दिल्ली,
रोहिणी स्थित डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में चालीस वर्षीय एक महिला की कोरोना की वजह से मौत हो गई। अहम यह है कि महिला को अस्पताल में कोरोना संभावित मरीज के रूप में 16 अप्रैल को मेडिकल इमरजेंसी के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था।18 अप्रैल को महिला की मौत हो गई मौत के बाद महिला में कोरोना की पुष्टि हुई। महिला की मौत के बाद जिस 57 मेडिकल स्टॉफ को क्वारंटाइन भेजा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जहांगीरपुरी के ई ब्लॉक निवासी चालीस वर्षीय सितारा को डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में 16 अप्रैल को संभावित कोरोना मरीज के रूप में भर्ती किया गया था। दो दिन बाद ही महिला की मौत हो गई, मौत के बाद उसकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई, जिसके बाद प्रशासन के कान खड़े हो गए। बुधवार को जारी एक आदेश के अनुसार महिला के इलाज में लगे सभी 21 डॉक्टर और 36 पैरामेडिकल स्टॉफ को क्वारंटाइन में भेज दिया गया। जो महिला के अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसके संपर्क में आए थे। अस्पताल के मेडिकल डॉयरेक्टर डॉ. मनमोहन कोहली ने बताया कि आईसीएमआर की गाइडलाइन का पालन करते हुए महिला के इलाज के दौरान संपर्क में आए सभी डॉक्टर को बुधवार से ही क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। महिला में कोरोना की हिस्ट्री ट्रैक नहीं हो पाई थी, हालांकि बुधवार को महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी संपर्क में आए डॉक्टर्स को क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। मालूम हो कि कोरोना के वर्तमान मरीजों में कोरोना मरीजों की हिस्ट्री या कांटेक्ट का पता नहीं लग पा रहा है। सूत्रों के अनुसार महिला अपनी केस हिस्ट्री बताने में असफल रही। और रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अब प्रश्न यह उठता है कि 16 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच के समय क्वारंटाइन किए गए चिकित्सक भी किसी न किसी के संपर्क में आए होगें।

स्टाफ की कमी बड़ा प्रश्न
अब प्रश्न यह उठता है कि संभावित मरीज के तौर पर महिला की मौत के बाद जिस 57 मेडिकल स्टॉफ को क्वारंटाइन भेजा गया है। क्या उनकी कोरोना जांच नहीं होनी चाहिए, केवल क्वारंटाइन में भेजे जाने से उनके परिवार को भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। दूसरा अहम पहलू यह भी है कि 21 डॉक्टर और 36 मेडिकल स्टॉफ जिसको क्वारंटाइन में भेजा गया है, उनकी भरपाई कैसे होगी, अस्पताल में लगातार मरीजों का बोझ बढ़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *