नई दिल्ली
शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए भारत सरकार ने इन्द्रधनुष योजना लागू की है, लेकिन हाल ही में जारी हुई यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के आंकडों की माने तो भारत में शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए अभी दो करोड़ और बच्चों का टीकाकरण किया जाना बाकी है। रिपोर्ट के अनुसार अभी तक केवल 63 प्रतिशत ही टीकाकरण का काम पूरा हुआ है, जिसमें 78 प्रतिशत डिप्थीरिया का और 81 प्रतिशत खसरा का टीकाकरण किया गया है।
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार सहित राजस्थान के बड़े हिस्से में अब भी बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो पाया है। यूएन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में दो करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया गया, जिसमें अस्सी लाख बच्चे रिमोट या ग्रामीण क्षेत्र के थे। शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए हर साल दो करोड़ अतिरिक्त बच्चों का टीकाकरण किया जाना चाहिए।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष बच्चों को सात अहम बीमारियों से बचाने के लिए शुरू किया गया। जिसमें डिप्थीरिया, कालीखांसी, खसरा, हेपेटाइटिस बी, पोलियो टीबी, जेई और हिब या हीमोफिलस इंफ्लूएंजा शामिल है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बच्चा क्योंकि देखने में स्वस्थय लगता है इसलिए माता पिता टीकाकरण को जरूरी नहीं मानते, जबकि यह सभी टीके बीमारियों से बचाव के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन इन्द्रधनुष को वर्ष 2020 तक नब्बे प्रतिशत सफलता हासिल करने का लक्ष्य रख गया है। इसके लिए और अधिक जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है।
कब कौन सा टीकाकरण
यूआईपी यूनिर्वसल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत नीचे दिए गए समय के अनुसार टीकाकरण किया जाना चाहिए।
– बीसीजी जन्म के तुरंत बाद से एक साल के अंदर तक, यदि जन्म के समय नहीं दिय गया है टीका तो
– डीटीपी, डिप्थीरिया,कालीखांसी और टिटनेस की पांच डोज, एक छह हफ्ते पर, दूसरे दसवें हफ्ते, तीसरे चौदहवें हफ्ते पर और इसके बाद सोलह और 24 हफ्ते पर बुस्टर डोज, एक डोज बच्चे की पांच साल की उम्र होने पर
– ओरल पोलियो वैक्सीन की पांच डोज, जन्म छठें, दसवें और 14 वें हफ्ते के बाद 16वें व 24वें हफ्ते में बुस्टर डोज
– हेपेटाइटिस बी की चार डोज, जन्म के बाद 24 घंटे के भीतर, छह, दस और चौरहवें हफ्ते तक तीन डोज
– मिजेल्स या खसरा की तीन डोज पहली डोज नौ से बाहर महीने पर दूसरी डोज 16 से 24 महीने पर
– दस और 16वें साल पर टिटनेस टॉक्सिन की दो डोज
– टिटनेस टॉक्सिन की दो डोज गर्भवती महिलाओं को भी बच्चे को जन्म देने के तीन साल के भीतर लगाना जरूरी होता है।
– इसके अलावा जेई या जैपनीज इंसेफलाइटिस को भी कई राज्यों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया है।