कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के क्लिनिकल परीक्षण का प्रस्ताव

नयी दिल्ली,
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुछ प्राध्यापकों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा ‘फीफाट्रोल’ का कोरोना वायरस के इलाज लिए चिकित्सकीय परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल) का प्रस्ताव आयुष मंत्रालय के समक्ष पेश किया है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव को अभी मंजूरी मिलने का इंतजार है। प्रस्तावित परियोजना से जुड़े बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. के एन द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के इलाज में आयुर्वेद एवं अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से जुड़ी दवाओं के वैज्ञानिक परीक्षण को अनुमति देने के लिए सरकार द्वारा गठित कार्यबल के पास इस आशय का प्रस्ताव भेजा गया है। बीएचयू के द्रव्यगुण विभाग में प्राध्यापक डॉ. द्विवेदी ने बताया कि यह दवा कोविड-19 से मिलते जुलते लक्षणों वाले मरीजों को दी गयी। अब इस दवा को कोविड-19 के गंभीर मरीजों को देने की योजना है, जिससे कोरोना वायरस के मरीजों पर इसके असर का पता चल सके। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा गठित आयुष शोध एवं विभागीय कार्यबल में जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों के अलावा आयुष विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। मंत्रालय द्वारा 31 मार्च को आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी पद्धति में कोरोना के संभावित इलाज से जुड़े प्रस्तावों को मांगा गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यबल को अब तक इस प्रकार के दो हजार से अधिक प्रस्ताव मिल चुके हैं।
भाषा

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