अभिषेक आनंद, नई दिल्ली
नेत्रदान के बाद मिलने वाला कार्निया अब सात दिन तक प्रिजर्व किया जा सकेगा। एम्स के आरपी सेंटर में अब अरेबियन मीडियम का इस्तेमाल शुरू किया है। लेकिन, पुराने तरीके से प्रिजर्व किए गए कार्निया को छह घंटे के अंतराल तक ही यूज संभव था।
एम्स के आरपी सेंटर के डॉ. जीवन एस टिटियाल ने बताया कि कार्निया प्रिजर्व के लिए इस्तेमाल किए जाने वले एमके मीडियम के यूज से कार्निया को अधिक दिनों तक प्रिजर्व रखा जा सकता है। जिससे जरूरत पड़ने पर इसे अधिक समय तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। एम्स में इस समय कार्निया ट्रांसप्लांट के लिए 500 मरीज इंतजार कर रहे हैं, जबकि हर साल एक हजार कार्निया ही ट्रांसप्लांट हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों में एम्स में कुल 40 हजार कार्निया दान में लाया गया, जिसमें से केवल 16000 कार्निया ही ट्रांसप्लांट हो पाया।
डॉ. टिटियाल से कहा कि सही समय पर आरपी सेंटर पर कार्निया नहीं पहुंच पाने के कारण भी मरीजों को इसका ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता है। नेत्रदान के रजिस्ट्रेशन के बाद 80 प्रतिशत लोगों की कार्निया का प्रयोग नहीं हो पाता। इसके लिए एम्स पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सो को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे यही समय पर पहुंच कर लोगों को काउंसलिंग कर मरने वाले की आंखें दान करने की इच्छा को पूरा किया जा सकेगा।