नई दिल्ली
दवाओं की गुणवत्ता से संबंधित एक चौकाने वाली खबर सामने आई है, देश के दवा नियामक प्राधिकरण सीडीएससीओ ने 50 से अधिक दवाओं को मानक गुणवत्ता पर खरा नहीं माना है। इसमें सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली पैरासीटामोल, कैल्शियम, पैनडी, विटामिन डी थ्री सप्लीमेंट के अलावा मधुमेह रोधी दवा सहित अन्य दवाएं शामिल हैं। इस संदर्भ में दवाओं की सूची तैयार की गई है, जिन्हें रिपोर्ट के आधार पर मानक गुणवत्ता रहित श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। मई महीने में सीडीएससीओ द्वारा दवाओं के सैंपल लिए गए थे।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन सीडीएससीओ की ओर से दवाओं के संदर्भ में अलर्ट जारी किया गया है, इसकी लिए एक सूची भी तैयार की गई है, इस सूची में एल्केम लैबोरटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यियूटिकल लिमिटेड, नेस्टर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, प्रिया फार्मास्यूटिकल्स और स्कॉट एडिल फार्माशिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। सीडीएससीओ की ओर से जारी अलर्ट में शेल्कल, विटामिन बी कांम्पलेक्स के साथ विटामिन सी साफ्टजेल, विटामिन सी और डी थ्री टैबलेट और सिफ्लॉक्सिन टैबलेट के नमूने शामिल हैं। हाई बीपी की दवा टेल्मिसर्टन और एट्रोपिन सल्फेट के अलावा एमोक्सिलिन और पोटेशियम क्वैवुलनेट टैबलेट जैसी एंटीबायोटिक्स को भी मानकों के अनूरूप नहीं पाया गया है। इसमें से अधिकांश दवाएं जल परीक्षण में सही नहीं पाई गईं, जबकि कुछ दवाओं को नकली दवा के रूप में चिन्हित किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हर महीने मानक गुणवत्ता एनएसक्यू दवाओं की एक सूची जारी की जाती है, डीसीएससीओ के अनुसार आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों व केंद्र शासित राज्यों ने औषधि का लाइसेंस देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अगस्त 2024 के लिए मानक गुणवत्ता रहित एनएसक्ये अलर्ट के संबंध में काई आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है।