नई दिल्ली: वीडियो स्क्रीनिंग के जरिए एपेलेप्सी (मिरगी) को डायग्नोस करने का नया तरीका कारगर साबित हो रहा है। एम्स ने पहली बार अपने मरीजों में होने वाले एपेलेप्सी के दौरे का सही आंकलन करने के लिए होम वीडियो और मेडिकल हिस्ट्री का तुलनात्मक स्टडी की है। इस स्टडी में यह साफ हो गया है कि मरीज के रिलेटिव मेडिकल हिस्ट्री उस एक्यूरेसी से नहीं बता सकते हैं, जितना वीडियो से साफ हो रहा है। यही नहीं एम्स ने इलाज में गैप वाले मरीजों के लिए अब नया एपेलसी टूल्स बनाया है, जिसके आधार पर कोई भी डॉक्टर मरीज की वर्तमान स्थिति के अनुसार ट्रीटमेंट दे सकते हैं।
एम्स की न्यूरोलॉजी की डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी ने कहा कि जब मरीज इलाज के लिए आता है, तब तक एपेलेप्सी का दौरा खत्म हो चुका होता है। दौरे के दौरान मरीज की हरकत और लक्षण अलग अलग होते हैं और एपेलेप्सी का दौरा भी अलग अलग होता है। जिसमें फोकल सीजर होता है, जो नॉर्मल होता है और दूसरा जनरल सीजर होता है। जनरल सीजर खतरनाक होता है और दोनों सीजर का इलाज अलग अलग है। जनरल सीजर में जो दवा यूज किया जाता है उसका साइड इफेक्ट बहुत है। ऐसे में अगर मरीज का सही डायग्नोस नहीं होता है तो वह जल्दी ठीक नहीं होता है।
एम्स की ही न्यूरोलॉजी की डॉक्टर दीपा ने कहा कि एम्स में इलाज के दौरान जिस पर दवा का असर नहीं हो रहा था और अब उनकी सर्जरी या दूसरा तरीका इलाज का ढूंढा जा रहा था। ऐसे 340 मरीजों को होम वीडियो बनाने के लिए कहा गया। इसके लिए उन्हें बताया गया कि कैसे वीडियो बनाया जाए। हर तीन महीने पर मरीजों का फॉलोअप होता है। इसमें से 312 लोग अपने अपने मरीज का वीडियो बनाकर लाए, जिसमें से 70 पर्सेंट वीडियो सही था। डॉक्टर ने कहा कि इस स्टडी के पहले स्टेज में मरीजों के रिलेटिव से मेडिकल हिस्ट्री लिया गया, इसके लिए 29 प्वाइंट्स बनाए गए और उसके आधार पर हिस्ट्री ली गई। फिर दूसरे स्टेज में वीडियो बनवाया गया।
डॉक्टर मंजरी ने कहा जिन मरीजों पर दवा का असर नहीं हो रहा होता है उनकी सर्जरी का दूसरे इलाज की ओर जाते हैं। ये मरीज ऐसे ही थे। लेकिन सर्जरी से पहले एम्स में इन सभी का मरीजों का बनाए गए वीडियो से तुलना किया गया होम वीडियो में ज्यादा बेहतर जानकारी मिल रही थी और अधिकांश मरीजों में नॉर्मल एपेलेप्सी का दौरा था, जिसे कैटेगराइज करना आसान हो गया। यही नहीं मेडिकल हिस्स्ट्री में एक्यूरेसी जहां 0.75 पर्सेंट था वह वीडियो में बढ़ कर 0.92 तक पहुंच गया।