- राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मॉक ड्रिल का सफल संचालन
नई दिल्ली
आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में अचानक एंबुलेंस का तांता लग गया, एक बाद एक एबुलेंस सांय सांय करती हुई घायलों को लेकर इमरजेंसी में पहुंच रही थी, किसी को खून की जरूरत थी तो किसी का खून अधिक बह गया था, कोई बेहोश था तो कोई दर्द से कहार रहा था। सभी विभाग के जूनियर, सीनियर और वरिष्ठ चिकित्सकों ने मुस्तैदी दिखाते हुए स्थिति को संभाल लिया और इमरजेंसी में पहुंच 15 से 20 घायल मरीजों को तुंरत इलाज देना संभव हुआ। यह मौका था बम ब्लास्ट की एक मॉक ड्रिल का, जिसे शाम चार बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के प्रमुख के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
शाम चार बजे आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में एक कॉल पहुंचती है, बताया कि सेंट्ल दिल्ली में जोरदार बम धमाका हुआ है, घायलों को लेकर एबुलेंस अस्पताल पहुंच ही रही है। इधर फोन पहुंच और उधर जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी, बर्न एंड प्लास्टिक तथा क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विशेषज्ञों ने कमान संभाल ली, किसी मरीज के पैर से खून बह रहा था, किसी का पैर अलग हो गया तो वह दर्द से कहार रहा था, किसी के सिर में चोट आई तो किसी को खून की जरूरत थी। ऐसे में सबने अपनी जिम्मेदारी को संभालते हुए एक विभाग से दूसरे विभाग के साथ कार्डिनेशन करते हुए सभी मरीजों को समय पर इलाज दिया। स्टेचर भी पर्याप्त मात्रा में मुहैया कराए गए, सुनिश्चित यह किया गया कि इलाज में देरी के कारण किसी भी मरीज को जान से हाथ न धोना पड़ा। सरकार द्वारा सभी राज्यों में घोषित सिविल मॉक ड्रिल के क्रम में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी विभाग ने अपनी मुस्तैदी का परिचय दिया। इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ सिविल मॉल ड्रिल के डॉ प्रोफेसर अमलेंदू यादव ने बताया कि मॉल ड्रिल में सभी विभागों के अलावा जांच सुविधाओं जैसी ईसीजी, इको, कार्डियो, ईएनटी आदि विभागों की भी साझेदारी रही, बम ब्लास्ट जैसी घटना में सुनने की क्षमता खो जाती है, ऐसी स्थिति में लोगों को गहन परीक्षण की जरूरत होती है। सभी विभागों ने बेहतर सामंजस्य के साथ स्थिति को संभाला, मॉक ड्रिल के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई।